साक्षात्कार | “बागियों के जाने से मजबूत हुई कांग्रेस, बहुमत से बनाएंगे सरकार”

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साक्षात्कार | “बागियों के जाने से मजबूत हुई कांग्रेस, बहुमत से बनाएंगे सरकार”

चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों में आरोप – प्रत्यारोप का दौर जारी है। हर कोई अपनी –अपनी जीत के दावे कर रहा है। हर कोई इस कोशिश में है कि कैसे भी जनता को साधे जाए। उत्तराखंड में 2017 में होने वाली चुनावी जंग में कौन बाजी मारेगा, ये तो प्रदेश की जनता ही तय


चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों में आरोप – प्रत्यारोप का दौर जारी है। हर कोई अपनी –अपनी जीत के दावे कर रहा है। हर कोई इस कोशिश में है कि कैसे भी जनता को साधे जाए। उत्तराखंड में 2017 में होने वाली चुनावी जंग में कौन बाजी मारेगा, ये तो प्रदेश की जनता ही तय करेगी। इस सब के बीच उत्तराखंड पोस्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रधान सलाहकार रणजीत सिंह रावत का ‘साक्षात्कार’ किया।

उत्तराखंड पोस्ट से ‘साक्षात्कार’ में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार रणजीत सिंह रावत ने ना सिर्फ मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव ना लड़ने की खबरों पर विराम लगाया बल्कि इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पर जमकर प्रहार किया। साथ ही रावत ने दावा किया कि 2017 के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीत का परचम लहराएगी।

नीचे विस्तार से पढ़िए मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रधान सलाहकार रणजीत सिंह रावत का पूरा ‘साक्षात्कार’ –

सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में टिकट क्या हाईकमान ही तय करेगा ?

जवाब: कांग्रेस पुरानी पार्टी है और ये कांग्रेस की परंपरा रही है कि टिकट हमेशा हाईकमान ही तय करता है। चुनाव समिति की बैठक में भी ये प्रस्ताव कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रस्ताव भेजा है कि वे ही टिकटों को फाइनल करेंगी।

सवाल : अघोषित तौर पर हरीश रावत कांग्रेस का घोषित चेहरा हैं, क्या कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगे हरीश रावत ?

जवाब : निश्चित रुप से चेहरा हरीश रावत थे और हैं चुनाव के, आप देख रहे हैं कि केंद्र के दर्जनभर मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी इस प्रदेश को सिर्फ रैलियों के प्रचार का केंद्र बिंदु बनाए हुए है। लेकिन उत्तराखंड के बजट में लगातार कटौती कर रहे हैं। वे इसलिए प्रदेश में घूम रहे हैं क्योंकि कांग्रेस का चेहरा हरीश रावत हैं, और उनकी परेशानी हरीश रावत हैं, उनको कहीं ना कहीं हरीश रावत का भूत लगा हुए है।

सवाल : मुख्यमंत्री हरीश रावत पर सिर्फ घोषणाएं करने के आरोप लग रहे हैं, क्या घोषणाएं पूरी भी हो रही है ?

जवाब : उत्तराखंड राज्य गठन के बाद एनडी तिवारी जी ने करीब एक हजार चार सौ घोषणाएं की थी, जिसमें से 32 फीसदी घोषणाएं पूरी हुई थी। वहीं भाजपा के निशंक जी और खंडूरी जी ने 7 हजार 500 घोषणाएं की थी, जिसमें से लगभग 31 फीसदी घोषणाएं पूरी हुई थी, इसी तरह विजय बहुगुणा जी ने भी करीब एक हजार 500 घोषणाएं की थी, जिसमें से करीब 33 फीसदी घोषणाएं पूरी हुई थी। लेकिन हरीश रावत जी इस राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं, जिन्होंने अपनी घोषणाओं में से लगभग 65 फीसदी घोषणाएं पूरी कर दी हैं और जनता के लिए देर रात तक सचिवालय में काम हो रहा है।

सवाल : ऐसा तो नहीं कि चुनावी मौसम में सिर्फ शिलान्यास ज्यादा हो रहे हैं, बीजेपी का भी ऐसा आरोप है ?

जवाब : बीजेपी का काम सिर्फ आरोप लगाना है। वह आरोप लगाने के अलावा और कुछ नहीं कर रही है। विरोधाभास देखिए कि एक तरफ बीजेपी कहती है कि उत्तराखंड में काम नहीं हो रहा है, घोषणाएं पूरी नहीं हो रही हैं, खाली शिलान्यास हो रहा है और भ्रष्टाचार हो रहा है। दूसरी तरफ जो बीजेपी की केंद्र सरकार है, उसकी एजेंसियां उत्तराखंड को सार्टिफिकेट दे रही हैं। उनकी एक एजेंसी ने कहा कि उत्तराखंड में सबसे कम भ्रष्टाचार है, पूरे देश में सार्टिफिकेट दिया है। भारत सरकार के ही नीति आयोग ने कहा है कि देश के सबसे तेजी से प्रगति करने वाले 6 राज्यों में उत्तराखंड शामिल है। आज उत्तराखंड की औसत आय राष्ट्रीय औसत से डेढ़ गुना ज्यादा है, लगभग दोगुनी है। आज यहां की औद्योगिक ग्रोथ भी राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। बिजली के मामले में केंद्र सरकार ने सर्टिफिकेट दिया है कि उत्तराखंड सबसे सस्ती और सबसे ज्यादा बिजली देने वाला प्रदेश है। सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे उत्तराखंड में हैं। एक नहीं दसियों सार्टिफिकेट केंद्र सरकार और उनकी एजेंसियां देते जा रही है। भाजपा हले यह तय कर ले कि झूठ कौन बोल रहा है, केंद्र सरकार या फिर उत्तराखंड भाजपा।

सवाल : मुख्यमंत्री के चुनाव ना लड़ने की चर्चा है, क्या मुख्यमंत्री चुनाव नहीं लड़ेंगे ?

कयास तो कयास हैं, मुख्यमंत्री हरीश रावत जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं, और चुनाव से बने हुए व्यक्ति हैं। उन्होंने ब्लॉक प्रमुख से लेकर विधानसभा से लेकर लोकसभा का चुनाव हरीश रावत ने लड़ा है। इस बार के चुनाव में भी मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ेंगे।

सवाल : क्या बागियों के भाजपा में जाने से कांग्रेस कमजोर हुई है ?

जवाब : कांग्रेस कमजोर नहीं हुई है, बल्कि उन लोगों के जाने से मजबूत हुई है। आज बीजेपी को टिकटों के मामले में लाले पड़े हुए हैं। भाजपा के अंदर इतना अंतर्रकलह है, असंतोष है और इतना बड़ा जलजला आने वाला है टिकट बंटने पर कि आप और हम उसके गवाह बनेंगे। कांग्रेस में तो कोई दिक्कत नहीं है, दस सीटों पर नए ऊर्जावान युवा उम्मीदवार आएंगे, जो लोग पहले सोचते थे 25-30 सालों मे उनका नंबर आएगा,  उनका जल्दी नंबर आ गया है।

सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी ?

जवाब: सीटें जीतने पर में ज्यादा बड़ी बात नहीं कहूंगा, लेकिन मैं दावे के साथ ये कह सकता हूं कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आसानी से बहुमत हासिल करेगी और एक बार फिर से हरीश रावत के नेतत्व में कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनेगी।

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