खेलो इंडिया | 8 साल की उम्र से ही तैयार होंगे खिलाड़ी, हर साल मिलेंगे 5 लाख रुपए

  1. Home
  2. Sports

खेलो इंडिया | 8 साल की उम्र से ही तैयार होंगे खिलाड़ी, हर साल मिलेंगे 5 लाख रुपए

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) मोदी सरकार एक नई योजना लाने जा रही है जिसका मकसद स्कूलों और राज्यों की भागीदारी से स्कूल लेवल पर आठ साल के बच्चों में खेल प्रतिभा की पहचान करना होगा, इस योजना के द्वारा 2024 और 2028 के ओलंपिक के लिए देश में खिलाड़ी तैयार होंगे। यह जानकारी युवा और खेल


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) मोदी सरकार एक नई योजना लाने जा रही है जिसका मकसद स्कूलों और राज्यों की भागीदारी से स्कूल लेवल पर आठ साल के बच्चों में खेल प्रतिभा की पहचान करना होगा, इस योजना के द्वारा 2024 और 2028 के ओलंपिक के लिए देश में खिलाड़ी तैयार होंगे। यह जानकारी युवा और खेल मामलों के केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दी।

राठौड़ ने इस योजना का खुलासा लोकसभा में अनुराग ठाकुर के पूरक प्रश्न के उत्तर में किया है। इस योजना के मुताबिक स्कूलों में आठ साल से 12 साल के बच्चों की फिटनेस मैपिंग की जाएगी। इसमें राज्यों और स्कूलों की भागीदारी से काम होगा। स्कूलों को पढ़ाई में कुशाग्र छात्रों के साथ खेलों में अच्छे बच्चों का भी पता चलेगा।

रोठौड़ ने कहा कि इस तरह से आठ साल की उम्र से ही बच्चों में विभिन्न खेलों की प्रतिभाओं की पहचान की जा सकेगी और इनमें से 1000 टैलेंटेड बच्चों को 8 साल तक पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष सरकार की ओर से खेल के प्रशिक्षण आदि के लिए दिए जाएंगे। साथ ही इससे 16 साल की उम्र तक देश को अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे। 2024 और 2028 के ओलंपिक में भाग लेने के लिए खिलाड़ी तैयार होंगे।

सरकार देश में ऊंचाई वाले ठंडे स्थानों पर ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर विचार कर रही है। इस लिहाज से खेलो इंडिया के तहत 380 करोड़ रुपए की 70 परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 2020 के ओलंपिक के लिए अगर कोचों को विदेश भेजने की जरूरत हुई तो उन्हें जरूर भेजा जाएगा।

उन्होंने कुछ दिन पहले भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) (जिसे अब स्पोर्ट्स इंडिया नाम दिया गया है) के संचालक मंडल की बैठक में हुए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने भारतीय कोचों की सैलरी की लिमिट को दोगुना कर दिया है।इसके साथ ही राठौड़ ने यह भी बताया कि पहले पदक जीतने पर मिलने वाली पूरी राशि प्रमुख कोच को दी जाती थी, लेकिन शुरूआती स्तर से मेहनत करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि 40 प्रतिशत राशि प्रमुख कोच को और 30-30 फीसदी राशि शुरूआती स्तर पर (ग्रासरूट) ट्रेनिंग देने वाले कोचों को और इंटरमीडिएट कोच को दी जाएगी।

(उत्तराखंडपोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैंआप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

 

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे