दवे ने 5 साल पहले ही लिख दी थी अंतिम 4 इच्छाएं, जानकर हैरान रह जाएंगे आप
दिल्ली [दीपक तिवारी] केंद्रीय पर्यावरण अनिल माधव दवे का शुक्रवार सुबह देहांत हो गया है। उनके निधन के बाद उनकी अंतिम इच्छा सामने आई है जिसमें यह लिखा हुआ है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में कोई स्मारक ना बनें। अनिल माधव ने यह इच्छा 23 जुलाई 2012 को ही लिख दी थी। अब
दिल्ली [दीपक तिवारी] केंद्रीय पर्यावरण अनिल माधव दवे का शुक्रवार सुबह देहांत हो गया है। उनके निधन के बाद उनकी अंतिम इच्छा सामने आई है जिसमें यह लिखा हुआ है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में कोई स्मारक ना बनें। अनिल माधव ने यह इच्छा 23 जुलाई 2012 को ही लिख दी थी। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App
अपनी सहजता और सादगी के लिये मशहूर रहे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे की इच्छा थी कि उनकी याद में स्मारक बनाने के बजाय पौधे लगाकर इन्हें बड़ा किया जाये और नदी-तालाबों को बचाया जाये।
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने मृत्यु से पांच साल पहले ही अपनी वसीयत में अपना अंतिम संस्कार होशंगाबाद ज़िले के बान्द्राभान में नर्मदा नदी के तट पर करने तथा उनकी स्मृति में वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण किये जाने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने लिखा था कि संभव हो तो उनका अंतिम संस्कार बांद्राभान में नदी महोत्सव वाले स्थान पर किया जाये।
उन्होंने यह भी लिखा कि उनका अंतिम संस्कार केवल वैदिक रीति से किया जाये तथा कोई भी आडम्बर या दिखावा नहीं हो।
- संभव हो तो मेरा अंतिम संस्कार बाद्राभान में नदी महोत्सव वाले स्थान पर किया जाये।
- उत्तर किया के रूप में केवल वैदिक कर्म ही हो, किसी भी प्रकार का दिखावा, आडंबर ना हो।
- मेरी स्मृति में कोई भी स्मारक, प्रतियोगिता, पुरस्कार, प्रतिमा ना बनाई जाए।
- जो मेरी स्मृति में कुछ करना चाहते हैं वे कृप्या वृक्षों को बोनें व उन्हें संरक्षित कर बड़ा करने का कार्य करें, तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने लिखा कि ऐसा करते हुए भी मेरे नाम का इस्तेमाल ना करें।
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