अब शौक के लिए नहीं मिलेगी किराए की कोख

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अब शौक के लिए नहीं मिलेगी किराए की कोख

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2016 को मंजूरी दे दी।इस विधेयक में सरोगेसी यानी किराए की कोख वाली मां के अधिकारों की रक्षा और इस तरह के बच्चों के अभिभावकों को कानूनी मान्यता देने का प्रावधान है। व्यवसायिक सरोगेसी पर लगेगी रोक | इस बिल के संसद में पास होने के बाद


केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2016 को मंजूरी दे दी।इस विधेयक में सरोगेसी यानी किराए की कोख वाली मां के अधिकारों की रक्षा और इस तरह के बच्चों के अभिभावकों को कानूनी मान्यता देने का प्रावधान है।

व्यवसायिक सरोगेसी पर लगेगी रोक | इस बिल के संसद में पास होने के बाद व्यावसायिक यानी पैसे के लिए सरोगेसी नहीं की जा सकती सिर्फ जरूरतमंद बांझ दंपतियों के लिए ही नैतिक रूप से सरोगेट मां बनने की मंजूरी होगी।

केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा बिल के पक्ष में दलील देते हुए कहा की इस बिल से पैसे के लिए गरीब महिला की कोख किराए पर लेने का चलन बंद होगा और सरोगेट चाइल्ड को वो तमाम अधिकार होंगे जो बायोलॉजिकल चाइल्ड को होते हैं। उन्होंने कहा कि सेरोगेसी का इस्मेताल अनैतिक तरीके से किया जाने लगा है जिसे रोकना है और नया बिल उसमें मदद करेगा।
सरोगेसी की सुविधा बनी शौक | सुषमा स्वराज ने कहा कि जरूरत के लिए शुरू की गई सरोगेसी की सुविधा अब शौक बन गई है और जो सेलेब्रिटी सिर्फ अपनी पत्नी को दर्द से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें सोचना होगा।

सरोगेट मां बोर्ड का गठन होगा | नए कानूनों का ठीक से पालन हो सके उसके लिए केंद्रीय स्तर पर, राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में भी सरोगेट मां बोर्ड का गठन किया जाएगा।

सरोगेसी हब’ कहा जाने लगा था भारत | सरकार ने बिल के पक्ष में जो दलील दी वो है कि पिछले कुछ साल से भारत को ‘सरोगेसी हब’ कहा जाने लगा था, क्योंकि यहां कम खर्च में किराए की कोख मिल जाती थी। रूरल और ट्राइबल महिलाओं का खास तौर पर शोषण हो रहा था।

कौन नहीं ले सकेंगे सरोगेसी का सहारा? | सिंगल पैरेंट, लिव-इन कपल्स, होमोसेक्शुअल कपल्स और अनमैरिड कपल्स।

किन्हें मिलेगा फायदा ? | जिस कपल की कानूनी तौर शादी हुई हो और शादी के पांच साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ हो। ऐसे कपल में पत्नी की उम्र 23 से 50 और पति की उम्र 26 से 55 साल की बीच होनी जरूरी है।

कौन बन सकेगी सरोगेट मदर ? | वो महिला जो कपल की करीबी रिश्तेदार हो, वह एक ही बार सरोगेट मदर बन सकती है। सरोगेट मदर बनने वाली महिला का शादीशुदा और पहले से एक हेल्दी बच्चे की मां होना जरूरी होगा।

सजा का प्रावधान | सरोगेसी के नए नियम तोड़ने पर 10 साल तक कैद और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। बच्चे को छोड़ना और कमर्शियल सरोगेसी गैर कानूनी माने गए हैं। भारत में करीब 2 हजार सरोगेसी क्लिनिक हैं, लेकिन, अब तक इन्हें लेकर कोई नियम-कायदे नहीं हैं। नया कानून बनने पर इन क्लिनिक्स को 25 साल का रिकॉर्ड रखना होगा ताकि किसी भी कानूनी सवाल का जवाब दे सकें। फिलहाल इस बिल को संसद से पास होना होगा और अगर विपक्ष ने नए प्रावधानों पर सवाल उठाए तो मुमकिन है की इसे संसद की स्थायी समिति को भेजा जाए।

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