किशोर का 46 सीटें जीतने का दावा, क्या सहसपुर से खुद जीत पाएंगे ?

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किशोर का 46 सीटें जीतने का दावा, क्या सहसपुर से खुद जीत पाएंगे ?

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय 46 सीटों पर कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे हैं। किशोर के इस दावे में कितना दम है ये तो 11 मार्च को चुनावी नतीजे बताएंगे लेकिन उससे भी बड़ा सवाल ये है कि क्या किशोर खुद चुनाव जीत पाएंगे। दरअसल


उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय 46 सीटों पर कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे हैं। किशोर के इस दावे में कितना दम है ये तो 11 मार्च को चुनावी नतीजे बताएंगे लेकिन उससे भी बड़ा सवाल ये है कि क्या किशोर खुद चुनाव जीत पाएंगे।

दरअसल किशोर खुद सहसपुर विधानसभा में अपने ही सिपाही से घिरे हुए हैं। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost

सहसपुर विधानसभा में कांग्रेस के बागी आर्येंद्र शर्मा किशोर उपाध्याय को कड़ी टक्कर दी है। 2012 के विधानसभा चुनाव में आर्येन्द्र शर्मा कांग्रेस के टिकट पर भले ही चुनाव न जीत पाएं हों लेकिन इस बार वे खुद न भी जीत पाएं तो किशोर उपाध्याय का गणित जरुर बिगाड़ सकते हैं। हालांकि किशोर उपाध्याय के साथ ही पूरे कांग्रेस संगठन ने इस सीट को प्रतिष्ठा की सीट मानकर चुनाव लड़ा है।

किशोर का 46 सीटें जीतने का दावा, क्या सहसपुर से खुद जीत पाएंगे ?

2012 के विधानसभा चुनाव में आर्येन्द्र शर्मा भाजपा के सहदेव पुंडीर से 5490 मतों से हार गए थे। सहदेव पुंडीर को 26064 मत मिले थे तो शर्मा को 20574 वोट मिले थे।

हालांकि इस सीट पर मुश्किल भाजपा के सहदेव पुंडीर के लिए भी है क्योंकि यहां पर भाजपा की एक बागी लक्ष्मी अग्रवाल भी मैदान में हैं। लक्ष्मी अग्रवाल ने 2012 के चुनाव में भी निर्दलीय ताल ठोकी थी औऱ 5618 मत प्राप्त किए थे लेकिन इसके बाद भी सहदेव पुंडीर की राह में बाधा नहीं बन पाई थी।

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राज्य गठन के बाद से इस सीट पर हुए 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस सिर्फ एक बार 2002 में ही जीत दर्ज कर पाई है जबकि 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। इस लिहाज से देखें तो यहां पर भाजपा मजबूत दिखाई देती है।

बहरहाल जनता के मूड को कहां कोई भांप पाया है, इस सीट पर जनता किसके साथ रहेगी ये यहां कि जनता ने 15 फरवरी को ईवीएम में कैद कर ही दिया है। इंतजार है तो 11 मार्च का जब चुनावी नतीजे आएंगे।

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