कथित आपदा राहत घोटाले पर अब क्यों खामोश है बहुगुणा वाली BJP ?
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार और हरीश रावत को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost भ्रष्टाचार के तमाम आरोप बीजेपी कांग्रेस सरकार के मुखिया पर लगा रही है लेकिन
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार और हरीश रावत को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost
भ्रष्टाचार के तमाम आरोप बीजेपी कांग्रेस सरकार के मुखिया पर लगा रही है लेकिन एक मुद्दा भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान और नारों से गायब है। ये मुद्दा है जून 2013 में उत्तराखंड में तबाही मचाने वाली केदारनाथ आपदा और कथित रेस्क्यू घोटाला।
16 जून, 2013 को केदारनाथ में आई आपदा में सैकड़ों स्थानीय लोग और पर्यटक मारे गए थे। आपदा के वक्त कांग्रेस की सरकार में विजय बहुगुणा सीएम थे लेकिन बहुगुणा पर आपदा में लापरवाही बरतने के आरोप लगे। भाजपा ने इस दौरान आपदा घोटाला को बड़ा मुद्दा बनाया था। नतीजन विजय बहुगुणा को कुर्सी छोड़नी पड़ी और उनकी जगह हरीश रावत ने फरवरी 2014 में सीएम की कुर्सी संभाली।
इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर तीखे प्रहार किए थे लेकिन अब जब चुनाव सामने हैं तो खोद-खोद कर घोटाले निकाल कर लाने वाले राजनीतिक दलों में से ही एक भारतीय जनता पार्टी इस चर्चित कथित घोटाले पर खामोश है।
इसे सियासत का सितम न कहें तो और क्या कहें, जिस विजय बहुगुणा पर भाजपा आरोप लगाते नहीं थकती थी, वही अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरे तो भी कैसे ? इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने पर इसके छींटे अब भाजपा के दामन में भी पड़ेंगे। इसलिए भाजपा हरीश रावत और कांग्रेस सरकार के कठित भ्रष्टाचार और घोटाले की बात तो कर रही है लेकिन केदारनाथ आपदा और कथित रेस्क्यू घोटाला पर अपना मुंह नहीं खोल रही है।
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हालांकि एक बार प्रधानमंत्री मोदी तो दूसरी बार केन्द्रीय वित्त मंत्री जेटली पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की किरकिरी जरुर करा चुके हैं। मोदी ने अपनी देहरादून रैली में मंच से चुटीले अंदाज में इस घोटाले से जुड़े कथित स्कूटर कांड का जिक्र कर मंच पर बैठे बहुगुणा को असहज कर दिया था।
भष्टाचार पर मोदी के निशाने पर थी कांग्रेस, घायल हो गए विजय बहुगुणा
वहीं हल्द्वानी पहुंचे जेटली ने कांग्रेस सरकार के पांच साल पर सवाल उठाकर बहुगुणा कि किरकिरी करा दी थी। गौरतलब है कि इन पांच सालों में ढ़ाई साल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विजय बहुगुणा की विराजमान थे।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र कुमार इस पर कहते हैं कि आज केदारनाथ आपदा के सभी खलनायक बीजेपी के कंधों पर सवारी कर रहे हैं, जो भाजपा के लिए आपदा साबित होंगे।
उत्तराखंड पोस्ट ने जब इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल से बात की तो वे इस फैसले पर गोल मोल जवाब देते नजर आए। गोयल साहब पहले तो कहने लगे कि बीजेपी ने हमेशा इस मुद्दे को उठाया है। लेकिन साथ ही ये भी कहते नजर आए कि उस वक्त मुद्दा भ्रष्टाचार का नहीं था बल्कि राहत काम में देरी का था। गोयल कहते हैं कि पैसों की बंदरबांट को हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई।
सच्चाई क्या है इससे उत्तराखंड की जनता अच्छे से वाकिफ है, स्कूटर कांड का जिक्र मोदी ने यूं ही नहीं कर दिया और यूं ही नहीं विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी, अब बीजेपी भले ही कुछ दलील दे लेकिन सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकती।
बहरहाल इस सब से ये तो जाहिर होता ही है कि राजनीतिक दल भले ही जनता के हिमायती होने का लाख दावा करें लेकिन जब बात उनके अपने फायदे की आती है तो जनता के सरोकारों से उन्हें कोई सरोकार नहीं होता।
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