भूस्खलन के स्थाई समाधान के लिए बनेगा इंजीनियरों का कोर ग्रुप

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भूस्खलन के स्थाई समाधान के लिए बनेगा इंजीनियरों का कोर ग्रुप

उत्तराखंड आपदा रिकवरी परियोजनाओं की प्रगति का मुआयना करने के बाद विश्व बैंक की टीम ने गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के साथ रैप अप मीटिंग की। इस दौरान विश्व बैंक की टीम आपदा पुनर्निर्माण कार्यां के प्रगति से संतुष्ट नजर आई। विश्व बैंक की टीम ने बताया कि राज्य सरकार के


उत्तराखंड आपदा रिकवरी परियोजनाओं की प्रगति का मुआयना करने के बाद विश्व बैंक की टीम ने गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के साथ रैप अप मीटिंग की। इस दौरान विश्व बैंक की टीम आपदा पुनर्निर्माण कार्यां के प्रगति से संतुष्ट नजर आई। विश्व बैंक की टीम ने बताया कि राज्य सरकार के निरंतर मानिटरिंग की वजह से तय समय-सीमा के अनुसार कार्य चल रहा है। इश दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को भूस्खलन के स्थाई समाधान के लिए लोनिवि के इंजीनियरों का एक कोर ग्रुप बनाया जाने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि 708 करोड़ रूपये लागत से 1496 किमी लम्बाई की 212 सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। 84.08 किमी की 19 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इन पर 8.89 करोड़ रूपये व्यय हुए। 24.42 किमी की चार सड़कों का कार्य पूर्ण होने वाला है। 570 मीटर लम्बाई के 6 पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन पर 44 करोड़ रूपये व्यय होंगे। 981 मीटर लम्बाई के 13 पुलों का कांट्रैक्ट हो गया है।

भूकम्परोधी भवनों के निर्माण के बारे में बताया गया कि 2488 ध्वस्त घरों में 2083 घरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। सभी लाभार्थियों को अंतिम किश्त जारी कर दी गई है। 2358 घरों का बीमा करके लाभार्थियों को प्रमाणपत्र दे दिये गये हैं। इसके अलावा 28.43 करोड़ रूपये से 16 सरकारी भवनों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इनमें स्कूल भवन, पुलिस थाने और खाद्य गोदाम आदि शामिल हैं। अन्य 5 भवनों का निर्माण 24.47 करोड़ रूपये से शीघ्र कराया जायेगा। अगस्त्यमुनि में हॉस्टल(60 सीट क्षमता) का निर्माण भी शुरू हो गया है।

आपदा जोखिम प्रबंधन के तहत पहले चरण में 6.5 करोड़ रूपये के खोज व बचाव उपकरण एसडीआरएफ को दे दिये गये हैं। दूसरे चरण में 9 करोड़ रूपये के उपकरण दिये जायेंगे। इसके अलावा रिवर मार्फालाजी एनलसिस, रिवर ट्रेनिंग और बैंक प्रोटेक्शन के लिये कांट्रेक्ट हो गये हैं। अन्य स्लोप स्टेबलाइजेशन, रिस्क एसेसमेंट आदि अध्ययनों की प्रक्रिया चल रही है। लगभग 500 राज मिस्त्रियों को भूकम्परोधी भवनों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

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