पुलवामा हमले में बाल-बाल बचे थे विनोद, कुपवाड़ा में हुए शहीद, पत्नी-बेटे ने ऐसे दी अंतिम विदाई, रो पड़ा पूरा गांव

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पुलवामा हमले में बाल-बाल बचे थे विनोद, कुपवाड़ा में हुए शहीद, पत्नी-बेटे ने ऐसे दी अंतिम विदाई, रो पड़ा पूरा गांव

गाजियाबाद (उत्तराखंड पोस्ट) कुपवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए पड़ोसी राज्य यूपी के गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले विनोद कुमार को रविवार को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान शहीद की पत्नी नीतू सिंह और सात साल के बेटे अंश का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम संस्कार के दौरान पत्नी नीतू ने शहीद पति का माथा चूमा


पुलवामा हमले में बाल-बाल बचे थे विनोद, कुपवाड़ा में हुए शहीद, पत्नी-बेटे ने ऐसे दी अंतिम विदाई, रो पड़ा पूरा गांव

गाजियाबाद (उत्तराखंड पोस्ट) कुपवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए पड़ोसी राज्य यूपी के गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले विनोद कुमार को रविवार को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान शहीद की पत्नी नीतू सिंह और सात साल के बेटे अंश का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम संस्कार के दौरान पत्नी नीतू ने शहीद पति का माथा चूमा औऱ बेटे को भी पिता का आशीर्वाद लेने के लिए कहा।

इसके बाद रोते बिलखते हुए नीतू के बेटे अंश ने मां के साथ जय हिंद बोलकर अपने शहीद पिता को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। इस दृश्य को देखर वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए औऱ पूरा क्षेत्र जय हिंद के नारों से गूंज उठा। शहीद विनोद कुमार की अंतिम विदाई में हजारों की संख्या में लोगों के साथ क्षेत्र की महिलाएं औऱ बच्चे भी शामिल हुए।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में तैनात मोदीनगर के विनोद कुमार शहीद हो गए। शुक्रवार को आतंकियों की गोली लगने से वह घायल हो गए थे। जब तक उनके साथी उन्हें हॉस्पिटल ले गए, तभी रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।

पुलवामा हमले में बाल-बाल बचे थे विनोद, कुपवाड़ा में हुए शहीद, पत्नी-बेटे ने ऐसे दी अंतिम विदाई, रो पड़ा पूरा गांव

शहीद विनोद जनवरी में एक महीने की छुट्टी पर आए थे। 8 फरवरी को ही ड्यूटी पर गए थे। 4 भाइयों में विनोद सबसे छोटे थे। उनकी 2 बहनें राजवती और कुसुम हैं। उनके माता-पिता की पहली ही मौत हो चुकी है। विनोद के परिवार में उनकी पत्नी समेत 2 बच्चे अंश(7) और अनवी (5) हैं।

ठीक 15 दिन पहले 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ की एक बस में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान जिसमें विनोद सवार थे वह बस के ठीक पीछे थी, लेकिन घटना के ठीक 15 दिन बाद उनको भी शहादत मिल गई।

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