शहीद प्रकाश को दी गई अंतिम विदाई, आखिरी दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

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शहीद प्रकाश को दी गई अंतिम विदाई, आखिरी दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के लाल शहीद प्रकाश चंद्र कुमाईं को उनके पैतृक निवास में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान शहीद प्रकाश की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पडा। आज सुबह जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके निवास पर


जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के लाल शहीद प्रकाश चंद्र कुमाईं को उनके पैतृक निवास में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान शहीद प्रकाश की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पडा। आज सुबह जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके निवास पर पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिसके बाद शहीद का अंतिम संस्कार देवल घाट में किया गया।

परिवार वालों के साथ ही गांव वालों को शहीद प्रकाश से बिछड़ने का गम तो है लेकिन वे प्रकाश की शहादत पर गर्व भी महसूस कर रहे हैं।

गौरतलब है कि  जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेते हुए 21वीं राष्ट्रीय राइफल में तैनात टिहरी के प्रकाश चंद्र शहीद हो गए थे। जाखणीधार ब्लॉक के रवाड़ी कांडी गांव निवासी सैनिक प्रकाशचंद कुमांई (26 वर्ष) पुत्र कुशाल सिंह डेपुटेशन पर 21वीं राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। श्रीनगर में आतंकियों के खिलाफ आपरेशन के दौरान वह शहीद हो गए। सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी कै. दीवान सिंह बागड़ी ने बताया कि सैनिक प्रकाशचंद की मूल तैनाती 6 मैकेनाइज इन्फेंट्री में थी, जो वर्तमान में श्रीनगर में डेपुटेशन पर 21वीं राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।

वर्ष 2012 को वह सेना में भर्ती हुए। प्रकाशचंद की बीते अक्टूबर में अल्पना रावत के साथ शादी हुई थी। प्रकाश तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। शहीद का बड़ा भाई पुलिस में तैनात है, जबिक छोटा भाई एचएम कर रहा है।

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