उत्तराखंड | चलती स्कूल बस की खिड़की से गिरा तीन साल का छात्र, घरवालों को नही बताया सच
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) स्कूल बस चालक और स्टाफ की लापरवाही से साढ़े तीन साल का एक बच्चा चलती बस की खिड़की से नीचे गिर गया। इससे बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया। हद तो तब हुई जब स्कूल की प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ ने भी इस लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास किया। दरअसल, चार
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) स्कूल बस चालक और स्टाफ की लापरवाही से साढ़े तीन साल का एक बच्चा चलती बस की खिड़की से नीचे गिर गया। इससे बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया। हद तो तब हुई जब स्कूल की प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ ने भी इस लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास किया।
दरअसल, चार दिन पूर्व स्कूल से घर आते समय साढ़े तीन साल का बच्चा स्कूल बस की खिड़की से नीचे गिर गया। उसके सिर और चेहरे में गंभीर चोटें आई हैं। छात्र को कई टांके लगे हैं। छात्र के माता-पिता का आरोप है कि घटना होने के बाद भी प्रबंधन ने अब तक यह नहीं बताया कि हादसा कैसे और किसकी लापरवाही से हुआ। फिलहाल बच्चे की मां ने प्रेमनगर थाने में स्कूल प्रबंधन और वहां के स्टॉफ के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम और आइपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
घटना आठ मई की है। पेशे से बिजनेसमैन एसके गुप्ता निवासी मांडूवाला, निकट शिव मंदिर, प्रेमनगर का बेटा अंश रोज की तरह स्कूल गया, लेकिन दोपहर में जब वह काफी देर तक स्कूल से घर नहीं आया तो परिजनों को चिंता हुई। अंश की मां मंजिता ने स्कूल में फोन किया तो वहां से पता चला कि स्कूल बस खराब हो गई है तो दूसरी बस से बच्चा थोड़ी देर बाद घर पहुंच जाएगा। एक घंटा और बीत गया लेकिन बच्चा घर नहीं पहुंचा। इसके बाद गुप्ता खुद स्कूल पहुंच गए। यहां उन्हें पता चला कि स्कूल बस तो बहुत देर पहले उनके बच्चे को लेकर चली गई है।
उन्होंने सख्ती से एक कर्मचारी से पूछताछ की तो पता चला कि उनका बच्चा स्कूल परिसर में ही जब बस चली तो खिड़की से गिर गया था। लिहाजा उसे पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसके गुप्ता उस अस्पताल में पहुंचे तो देखा कि उनका बेटा बेहोश था। यहां स्टाफ ने गुप्ता को फिर गुमराह करना शुरू कर दिया। स्टाफ ने बताया कि उनका बच्चा खेल के दौरान गिरकर घायल हो गया था। इसके बाद जब बच्चा होश में आया तो उसने अपने पिता से पूरी कहानी बताई।
गुप्ता ने स्कूल प्रबंधन से बातचीत की तो उन्होंने इसकी माफी तक नहीं मांगी। गुप्ता के अनुसार बच्चा अब भी इतना डरा हुआ है कि वह कभी कभी बेहोश हो जाता है। पता चला है कि जिस स्कूल बस में बच्चा सवार था उसकी खिड़की के बाहर स्टील गार्ड भी नहीं लगा हुआ है। ऐसे में बच्चा बाहर झांकते हुए बस से नीचे गिर गया। यही नहीं बस में छोटे बच्चों के लिए एक परिचालक भी होना चाहिए, यह भी स्कूल बस में तैनात नहीं था।
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