रक्षाबंधन पर बहनों को नसीब नही होगी भाई की कलाई, पुलवामा में शहीद हुए थे तीन बहनों के इकलौते भाई मेजर विभूती

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रक्षाबंधन पर बहनों को नसीब नही होगी भाई की कलाई, पुलवामा में शहीद हुए थे तीन बहनों के इकलौते भाई मेजर विभूती

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों के फिदायीन हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर कार्रवाई की। लेकिन तभी दो खूंखार आतंकियों को मार गिराने वाले उत्तराखंड के मेजर विभूति भी शहीद हो गए थे। अब


रक्षाबंधन पर बहनों को नसीब नही होगी भाई की कलाई, पुलवामा में शहीद हुए थे तीन बहनों के इकलौते भाई मेजर विभूती

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों के फिदायीन हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर कार्रवाई की। लेकिन तभी दो खूंखार आतंकियों को मार गिराने वाले उत्तराखंड के मेजर विभूति भी शहीद हो गए थे। अब मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

तीन बहनों के इकलौते भाई मेजर विभूति की बहनों की आंखों में आज आंसू होंगे। 73वें स्वतंत्रता दिवस के अलावा आज रक्षाबंधन भी है तो भाई की कलाई की कमी जरुर तीनों बहनों को महसूस हो रही होगी। आतंकियों से लोहा लेते हुए पुलवामा में शहीद हुए मेजर विभूती की तीनों बहनें थाली पर राखी सजाए होंगी लेकिन भाई की वो कलाई आज उन्हें नसीब नहीं होंगी क्योंकि भाई तो देश के लिए शहीद हो गया।

देवभूमी के इस वीर बेटे देश ने की रक्षा करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दे दी। तीनों बहनों की आंखों में आज आंसू होंगे लेकिन उन्हें अपने बहादुर भाई पर गर्व महसूस हो रहा होगा कि आज उनके भाई को शौर्य चक्र के लिए चुना गया है।

रक्षाबंधन पर बहनों को नसीब नही होगी भाई की कलाई, पुलवामा में शहीद हुए थे तीन बहनों के इकलौते भाई मेजर विभूती

आपको बता दें कि देहरादून के राजपुर रोड स्थित, डंगवाल मार्ग निवासी शहीद मेजर वीएस ढौंडियाल पुलवामा में किसी बिल्डिंग में आतंकियों के छुपे होने की खबर पर सर्च ऑपरेशन में मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से गंभीर रुप से घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

आपको बता दें कि शहीद मेजर वीएस ढौंडियाल की शादी शहीद होने से 8 महीने पहले कश्मीरी पंडित, दिल्ली निवासी निकिता कौल से हुई थी। 18 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में नेशविला रोड निवासी मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए। 34 वर्षीय मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर में तैनात थे। बता दें कि मूल रूप से पौड़ी के बैजरो ढौंड गांव निवासी मेजर विभूति के पिता स्व. ओमप्रकाश कंट्रोलर डिफेंस अकाउंट पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

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