सैनिक दुश्मन को मारता है या शहीद होता है, फौज में जाना न बंद करें: शहीद के पिता

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सैनिक दुश्मन को मारता है या शहीद होता है, फौज में जाना न बंद करें: शहीद के पिता

पुंछ (जम्मू-कश्मीर) (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब को शनिवार को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उऩकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं अपने बेटे के मौत से दुखी पिता ने न सिर्फ केंद्र सरकार से बदला लेने की बात कही बल्कि साथ ही कहा


पुंछ (जम्मू-कश्मीर) (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब को शनिवार को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उऩकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

वहीं अपने बेटे के मौत से दुखी पिता ने न सिर्फ केंद्र सरकार से बदला लेने की बात कही बल्कि साथ ही कहा कि मेरा बेटा शहीद हो गया, लेकिन अगर सभी लोगों ने अपने बच्चों को सेना में भेजना छोड़ दिया तो फिर देश के लिए कौन लड़ेगा।

आजतक की खबर के अनुसार शहीद के पिता हनीफ जोकि खुद सेना से रिटायर हुए हैं, ने कहा कि हमारा सैनिकों का परिवार है। मौत एक दिन आनी है। मैंने उसे देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती किया था। एक सैनिक का काम है कि वो दुश्मनों का खात्मा करे या फिर शहीद हो जाए।

गौरतलब है कि 14 जून की सुबह जब औरंगजेब ईद मनाने के लिए अपने घर राजौरी जा रहे थे कि उसी दौरान पुलवामा के कालम्पोरा से आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था। 14 जून की शाम ही पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला था। उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान थे। जम्मू – कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के औरंगजेब फिलहाल शोपियां के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।

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