अच्छी ख़बर | उत्तराखंड में 23 प्रतिशत बढ़ी मासिक न्यूनतम मजदूरी, मई से मिलेगा फायदा
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में पांच साल के बाद मासिक न्यूनतम मजदूरी में करीब 23 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी एक अप्रैल 2019 से लागू हो गई है। मई से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बढ़ी हुई मासिक मजदूरी मिलेगी। आपको बता दें कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत प्रत्येक
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में पांच साल के बाद मासिक न्यूनतम मजदूरी में करीब 23 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी एक अप्रैल 2019 से लागू हो गई है। मई से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बढ़ी हुई मासिक मजदूरी मिलेगी।
आपको बता दें कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत प्रत्येक पांच साल के बाद मासिक न्यूनतम मजदूरी की दरें निर्धारित की जाती हैं। वर्ष 2013 में न्यूनतम मजदूरी की दरें तय की गई थीं। पांच साल पूरे होने के बाद 2018 में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधार पर उत्तराखंड न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड ने पर्वतीय व तराई क्षेत्र के लिए अलग-अलग मजदूरी दरें निर्धारित की हैं।
इसमें सड़क एवं भवन निर्माण से लेकर वानिकी (फॉरेस्ट्री) में काष्ट कार्य करने वाले श्रमिकों की मजदूरी को भी बढ़ाया गया है। आठ मार्च को श्रम विभाग की ओर जारी अधिसूचना के अनुसार बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी एक अप्रैल से लागू हो गई है।
S No. | श्रमिकों की श्रेणी | पर्वतीय | तराई |
1 | अकुशल | 8584 | 8232 |
2 | कुशल | 8984 | 8943 |
3 | नर्सरी व वानिकी | 8584 | 8232 |
4 | चिरान | 8943 | 8943 |
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