प्रदेश में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, उल्लंघन पड़ेगा भारी, जानिए क्या है आचार संहिता ?

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प्रदेश में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, उल्लंघन पड़ेगा भारी, जानिए क्या है आचार संहिता ?

उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथा ही इन राज्यों में तत्काल प्रभाव से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। लिहाजा आयोग ने जनता को भी आगाह किया गया है कि इसके पालन में राजनीतिक पार्टियां या नेता जहां भी लापरवाही करें फौरन इसकी सूचना और सबूत


प्रदेश में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, उल्लंघन पड़ेगा भारी, जानिए क्या है आचार संहिता ?

उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथा ही इन राज्यों में तत्काल प्रभाव से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।

लिहाजा आयोग ने जनता को भी आगाह किया गया है कि इसके पालन में राजनीतिक पार्टियां या नेता जहां भी लापरवाही करें फौरन इसकी सूचना और सबूत चुनाव आयोग के चौबीसों घंटे काम करने वाले कॉल सेंटर को टोलफ्री नंबर 1950 पर फोन या एसएमएस कर दें।

प्रदेश में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, उल्लंघन पड़ेगा भारी, जानिए क्या है आचार संहिता ?

आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों की याद दिलाते हुए आयोग ने चुनाव वाले राज्यों की सरकारों और राजनीतिक दलों के साथ आम मतदाताओं को भी ये बताया कि चुनाव कार्यक्रम के ऐलान होने के 24 घंटों के भीतर सरकारी संपत्ति, इमारतों और उनके अहातों पर पोस्टर चिपकाने, नारे वगैरह लिखने, कट आउट या बैनर वगैरह लगाकर संपत्ति को खराब या गंदा करने पर पाबंदी होगी। पहले से लगाई गई गैरजरूरी चीजों को चुनाव के ऐलान के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
सार्वजनिक संपदा या अहातों पर ये प्रावधान 48 घंटों में और निजी संपदा के मामले में 72 घंटों में हटाना जरूरी होगा। इस अवधि के बीतने पर कोई भी शिकायत आएगी तो आयोग अपने अमले के जरिये कड़ी कार्रवाई करेगा।

इसके अलावा चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि चुनाव वाले राज्यों में चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के फौरन बाद वहां की सरकारों में मंत्री, विधायक सरकारी वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। यानी निजी वाहनों या पार्टी से उपलब्ध कराये गये वाहनों का ही इस्तेमाल करना होगा।

सिर्फ चुनाव के काम में लगे अफसरों और अमले को सरकारी वाहनों के इस्तेमाल की छूट होगी। यानी डीएम, एसपी, एसडीएम जैसे अधिकारी अपनी वैध लाल, नीली, पीली बत्तियों वाले वाहनों का इस्तेमाल कर सकेंगे।

इसके अलावा सरकारी खजाने से अखबारों, टीवी, रेडियो या किसी भी प्रचार माध्यम से सरकारें अपनी उपलब्धियों का विज्ञापन नहीं करा सकेंगी। सरकार के मंत्रालयों या विभागों की आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक समारोह के फोटोग्राफ डालना आचार संहिता का उल्लंघन होगा। पहले से वेबसाइट पर डाली गई फोटो हटाना लाजमी होगा।

डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन के कामों पर विभागों को चुनाव आयोग तक ये जानकारी चुनाव घोषणा के 72 घंटों के दौरान देनी होगी। जानकारी इस बात की कि चुनावों की घोषणा से पहले किन किन परियोजनाओं का काम शुरू हो चुका था और कौन कौन सी परियोजनाएं मंजूर हैं पर काम अब तक शुरू नहीं हुआ है।

आयोग ने इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दे दी है। इस बाबत आम जनता को भी जागरूक करने की बात कही गई है। कोई भी आम या खास इन प्रावधानों के उल्लंघन करने की सूचना और शिकायत चौबीसों घंटे चलने वाले चुनाव आयोग के कॉल सेंटर पर 1950 पर फोन या एसएमएस से कर सकेंगे। आयोग उनको कार्रवाई की भी जानकारी देगा।

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