हाईकोर्ट ने शिक्षा आचार्यो के पक्ष में दिया फैसला, सरकार की अपील खारिज

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हाईकोर्ट ने शिक्षा आचार्यो के पक्ष में दिया फैसला, सरकार की अपील खारिज

नैनीताल [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] नैनीताल हाई कोर्ट ने स्नातक योग्यताधारी शिक्षा आचार्यो को शिक्षा मित्र पद पर समायोजन करने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज होने के बाद दो सौ से अधिक शिक्षा आचार्यो का मास्साब बनने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल 19 नवंबर 2010 को


नैनीताल [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] नैनीताल हाई कोर्ट ने स्नातक योग्यताधारी शिक्षा आचार्यो को शिक्षा मित्र पद पर समायोजन करने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज होने के बाद दो सौ से अधिक शिक्षा आचार्यो का मास्साब बनने का रास्ता साफ हो गया है।

दरअसल 19 नवंबर 2010 को राज्य सरकार ने एक शासनादेश जारी कर 1107 स्नातक योग्यताधारी ऐसे शिक्षा आचार्यो को शिक्षा मित्र के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया था, जिनकी शिक्षा गारंटी केंद्र विद्यालय में उच्चीकृत कर दिए या बंद हो गए थे। शिक्षा गारंटी केंद्रों में वन खत्तों तथा खनन मजदूरों के बच्चों को शिक्षा दी जाती थी।

सरकार ने ऐसे शिक्षा आचार्यो को शिक्षा मित्र पद पर समायोजित कर द्विवर्षीय ट्रेनिंग करवाने व इसके बाद नियमानुसार सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया था। 18 जुलाई 2011 व 15 दिसंबर 2011 को जारी शासनादेश के आधार पर राज्य के 770 शिक्षा आचार्यो का समायोजन हो गया था जबकि शेष इससे वंचित हो गए।

हाईकोर्ट ने शिक्षा आचार्यो के पक्ष में दिया फैसला, सरकार की अपील खारिज

चम्पावत के विपिन जोशी व ऊधमसिंह नगर के नईम खान ने याचिका दायर कर उन्हें भी समायोजित करने की मांग की तो खंडपीठ के 23 फरवरी 2011 के एकलपीठ के फैसले के आधार पर याचिका स्वीकार करते हुए समायोजन के आदेश पारित किए। इस बीच सरकार ने पहली बार में 426 व दूसरी बार में 344 शिक्षा आचार्यो का समायोजन कर दिया मगर शेष हक से वंचित हो गए तो उन्होंने हाई कोर्ट में दस्तक दी।

सरकार की ओर से दलील दी गई कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रभावी होने के बाद शिक्षा आचार्यो का शिक्षा मित्र पद पर समायोजन नहीं किया जा सकता। जबकि शिक्षा आचार्यो की ओर से अधिवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि शासनादेश जारी करने के बाद सरकार लाभ से वंचित नहीं कर सकती। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अपील को खारिज कर दिया।

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