हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- उत्तराखंड के ऐसे अस्पतालों को सील करने के आदेश

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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- उत्तराखंड के ऐसे अस्पतालों को सील करने के आदेश

नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड में लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे गैर कानूनी अस्पतालों पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सरकार को प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से चलने वाले सभी अस्पतालों और चिकित्सालयों को सील करने के आदेश दिए हैं। ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में 22 लाख लोगों को मिलेगी मुफ्त


नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड में लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे गैर कानूनी अस्पतालों पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सरकार को प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से चलने वाले सभी अस्पतालों और चिकित्सालयों को सील करने के आदेश दिए हैं। ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में 22 लाख लोगों को मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा, ऐसे कराएं सत्यापन

कोर्ट ने सरकार को कहा कि चिकित्सालयों के संचालन के लिये मौजूद प्रावधानों और कानून का सख्त पालन किया जाए। इसके अलावा न्यायालय ने सरकार को विभिन्न मेडिकल जांचों और परीक्षणों के दाम तय करने का भी आदेश दिया है।

न्यायालय ने यह महत्वपूर्ण निर्णय ऊधमसिंहनगर में गैर कानूनी ढंग से चल रहे दो निजी चिकित्सालयों की सुनवाई के बाद जारी किया है। बाजपुर के दोराहा स्थित बीडी अस्पताल और केलाखेड़ा स्थित पब्लिक हॉस्पिटल गैर कानूनी तरीके से संचालित हो रहे थे और इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त किया कि इन दोनों अस्पतालों के पास न तो स्पेशल डॉक्टर मौजूद थे और न ही हॉस्पिटल के संचालन के लिये उचित अनुमति या पंजीकरण उपलब्ध था। इसके बावजूद बिना डिग्री और स्पेशल डॉक्टरों के मरीजों के ऑपरेशन किये जा रहे थे। मौके पर जांच टीम को ऐसे दस मरीज भर्ती मिले जिनके ऑपरेशन किये जाने थे। यही नहीं चिकित्सकों के पास न तो एमबीबीएस और ना ही सर्जरी की डिग्री मौजूद थी।

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न्यायालय ने ऐसे अस्पतालों को सील करने को कहा है जिनका पंजीकरण और विनियम क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन) एक्ट 2010 के तहत नहीं किया गया है। न्यायालय ने सभी चिकित्सालयों को यह भी आदेश दिया कि वे नैदानिक परीक्षणों के नाम पर बेवजह जांचें न कराएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सालय मरीजों पर ब्रांडेड दवाइयां खरीदने का दबाव न बनायें और जेनरिक दवाइयां लिखें।

इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि चिकित्सालयों में मौजूद आईसीयू की सामने की दीवार शीशे से निर्मित्त की जाए ताकि तीमारदार मरीज पर निगाह रख सकें। इसके साथ ही यह भी कहा कि चिकित्सालय हर 12 घंटे में तीमारदारों को मरीज की स्वास्थ संबंधी जानकारी उपलब्ध करायें और उसकी वीडियोग्राफी भी करायी जाए।ये भी पढ़ें-  जल्द निपटा लें अपने बैंक के जरूरी काम, इन चार दिन बंद रहेंगे बैंक

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