जमरानी बांध मामला | हाईकोर्ट ने उत्तराखंड और UP सरकार से मांगा जवाब
नैनीताल [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] हल्द्वानी में जमरानी बांध के मामले में दायर जनहित यचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित यचिका दायर कर कहा है कि 1975 से ही गौला नदी पर
नैनीताल [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] हल्द्वानी में जमरानी बांध के मामले में दायर जनहित यचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित यचिका दायर कर कहा है कि 1975 से ही गौला नदी पर जमरानी बांध बनाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई थी। बांध निर्माण के लिए 1982 में गौला बैराज का निर्माण भी किया गया, मगर जमरानी बांध बनाने की कार्रवाई अब तक आरंभ नहीं की गई। याचिकाकर्ता का कहना है कि जमरानी बांध निर्माण से हल्द्वानी शहर व आसपास के क्षेत्रों में पेयजल व सिंचाई सुविधा मिलती। पश्चिमी उप्र के कई जिलों को भी सिंचाई के लिए पानी मिलता।
याचिकाकर्ता के अनुसार बांध से संबंधित करोड़ों की मशीनें बेकार पड़ी हैं, लिहाजा बांध बनाया जाए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने अदालत को बताया कि बड़ी आबादी से जुड़ा मामला होने के बाद भी सरकार इस पर गंभीर नहीं है। आशंका जताई कि ढिलाई की वजह खनन व पानी माफिया भी हो सकते हैं। यहां तक की बाढ़ के बाद होने वाली आपदा को देखते हुए राजनीतिज्ञ व नौकरशाही इस पर अड़ंगा लगा रही है।
हाईकोर्ट ने मामले को सुनने के बाद उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
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