सुभारती को राजकीय दर्जा देने पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
उत्तराखंड कैबिनेट का सुभारती विश्वविद्यालय को राजकीय दर्जा देने का मामला विवादों में आ गया है। कोर्ट में वाद विचाराधीन होने के बावजूद कैबिनेट ने सुभारती विवि को राजकीय दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया, जो असंवैधानिक है। हाईकोर्ट ने फैसले को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार, कुलाधिपति, सचिव उच्च शिक्षा, सुभारती
उत्तराखंड कैबिनेट का सुभारती विश्वविद्यालय को राजकीय दर्जा देने का मामला विवादों में आ गया है। कोर्ट में वाद विचाराधीन होने के बावजूद कैबिनेट ने सुभारती विवि को राजकीय दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया, जो असंवैधानिक है। हाईकोर्ट ने फैसले को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार, कुलाधिपति, सचिव उच्च शिक्षा, सुभारती विश्वविद्यालय देहरादून, डॉ जगत नारायण सुभारती चैरिटेबल ट्रस्ट, मानव संसाधन विकास मंत्रालय व यूजीसी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
देहरादून निवासी याचिकाकर्ता मनीष वर्मा ने न्यायालय से कहा कि राज्य सरकार की कैबिनेट ने न्यायालय में वाद के बावजूद सुभारती विश्वविद्यालय को राजकीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया है जो न्यायपूर्ण नहीं है । न्यायमूर्ति यू.सी.ध्यानी की एकलपीठ ने सचिव उच्च शिक्षा, चान्सलर उत्तराखण्ड, एच्.आर.डी.मंत्रालय भारत सरकार और यू.जी.सी.दिल्ली को तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है ।
याचिका में इन्हें बनाया गया है पार्टी |
- उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड सरकार
- राज्यपाल/चांसलर स्टेट ऑफ़ उत्तराखण्ड
- सुभारती विश्वविद्यालय देहरादून
- डा.जगत नारायण सुभारती चैरिटेबल ट्रस्ट
- यूनियन ऑफ़ इंडिया मानव संसाधन विकास मंत्रालय
- यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन दिल्ली
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