रामनगर | पिछली सरकार में अटका था पुल निर्माण, हमने प्राथमिकता से किया काम: त्रिवेंद्र

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रामनगर | पिछली सरकार में अटका था पुल निर्माण, हमने प्राथमिकता से किया काम: त्रिवेंद्र

रामनगर (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने निर्धारित कार्यक्रमानुसार रविवार को रामनगर पहुॅचकर 95 करोड़ 45 लाख 36 हजार रूपये लागत की 39 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलांयास किया। जिसमें से 44 करोड़ 76 लाख 22 हजार की लागत से निर्मित 12 योजनाओं का लोकार्पण तथा 50 करोड़ 69 लाख 14 हजार रूपये


रामनगर | पिछली सरकार में अटका था पुल निर्माण, हमने प्राथमिकता से किया काम: त्रिवेंद्र

रामनगर (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने निर्धारित कार्यक्रमानुसार रविवार को रामनगर पहुॅचकर 95 करोड़ 45 लाख 36 हजार रूपये लागत की 39 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलांयास किया। जिसमें से 44 करोड़ 76 लाख 22 हजार की लागत से निर्मित 12 योजनाओं का लोकार्पण तथा 50 करोड़ 69 लाख 14 हजार रूपये की धनराशि से निर्मित होने वाली 27 योजनाओं का शिलांयास किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पिछली सरकार में पुल निर्माण कार्य के साथ ही अन्य विकास कार्य बाधित थे। जिन्हेंं पूरा करने के लिए सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कोसी नदी पर बना पुल पीपीपी मोड में निर्मित होने वाला पहला पुल है।

उन्होंने कहा कि जिम कार्बेट व नैनीताल शहर में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जिन्हें पुल के निर्माण होने से रामनगर में आए दिन लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी तथा पर्यटक सुःखद व सफल यात्रा का अनुभव लेकर जायेंगे।

रामनगर | पिछली सरकार में अटका था पुल निर्माण, हमने प्राथमिकता से किया काम: त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री रावत ने जनपद में लाॅच की गयी टेलीमेडिसिन सेवा, तृप्ति एप, सूद पोर्टल एवं एप तथा संतुष्टि पोर्टल की प्रशंसा की। रावत ने कहा कि ढेला के ग्रामीण क्षेत्रों को ईको सेंसिटिव जोन से बाहर किया है तथा भारत सरकार में ग्रामीण क्षेत्रों के स्थान पर अन्य भूमि शामिल करने के लिए कहा है।

रामनगर | पिछली सरकार में अटका था पुल निर्माण, हमने प्राथमिकता से किया काम: त्रिवेंद्ररावत ने कहा कि किसानों की आजीविका में सुधार के लिए किसान समूहों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है तथा योजना के अच्छे परिणाम प्राप्त होने पर किसानों के लिए अन्य आकर्षक योजनाएं भी चलाई जायेंगी।

रावत ने कहा कि राज्य में 23 लाख मीट्रिक टन पत्तियाॅ जंगलों में गिरती है। पीरूल से  बिजली बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीरूल एकत्र करने वाले व्यक्तियों को उद्यमियों द्वारा 2 रूपये प्रति किलो तथा वन विभाग द्वारा 1 रूपये प्रति किलो की दर से कुल 3 रूपये प्रति किलों प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के लगभग 75 हजार व्यक्तियों को पीरूल एकत्र करने में रोजगार प्राप्त हो सकता है।

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