वाजपेयी की जयंती पर PM मोदी ने लॉन्च की अटल भूजल योजना, दिया पानी बचाने का मंत्र

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वाजपेयी की जयंती पर PM मोदी ने लॉन्च की अटल भूजल योजना, दिया पानी बचाने का मंत्र

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अटल भूजल योजना को लॉन्च किया। PM मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन हर घर तक जल पहुंचाने का काम करेगा, अटल जल


वाजपेयी की जयंती पर PM मोदी ने लॉन्च की अटल भूजल योजना, दिया पानी बचाने का मंत्र

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अटल भूजल योजना को लॉन्च किया।

PM मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन हर घर तक जल पहुंचाने का काम करेगा, अटल जल योजना उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे गई है या तेजी से नीचे जा रही है।

दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत के दो रत्नों अटल बिहारी वाजपेयी, मदन मोहन मालवीय का जन्मदिन है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान पानी बचाने के लिए मंत्र दिए और कहा कि किसान, युवा, स्टार्टअप करने वाले पानी बचाने के लिए कई कदम उठा सकते हैं।

वाजपेयी की जयंती पर PM मोदी ने लॉन्च की अटल भूजल योजना, दिया पानी बचाने का मंत्र

पीएम मोदी ने कहा कि 70 साल में सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही पीने का पानी पहुंचा है, लेकिन हमें अगले पांच सालों में तेज रफ्तार से काम करना है। आज दिल्ली में पीने के पानी को लेकर काफी हंगामा हो रहा है और लोग जागरूक बने है। इस दौरान पीएम मोदी मजाक में कहा कि कल को हेडलाइन बनेगी ‘तीन लाख करोड़ पानी में’। पीएम ने कहा कि इस योजना पर सैटेलाइट से भी नज़र रखी जाएगी और देखा जाएगा कि किस तरह लोगों को फायदा पहुंच रहा है।

इस मौके पर उन्होंने हिमाचल को लेह-लद्दाख से जोड़ने वाले रोहतांग टनल का नाम अटल टनल करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह टनल सुरक्षा के साथ-साथ टूरिजम की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि अटलजी के सपने को उनके नाम से जोड़ने का मुझे सौभाग्य मिलेगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राउंड वॉटर के नीचे जाने पर चिंता जताते हुए कहा, ‘जब मैं पंजाब में काम करता था तो उस वक्त वहां इस पर चर्चा होती थी कि पानी इतना ऊपर है कि खेती को नुकसान हो रहा है लेकिन आज 20 साल बाद यह चर्चा है कि पानी इतना नीचे है कि खेती को नुकसान हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि पानी जैसी मूल आवश्यकता के लिए जिस नीति की जरूरत थी, उसे पिछली सरकारों ने नहीं अपनाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटल भूजल योजना का सबसे ज्यादा लाभ उन 7 राज्यों को होगा, जहां भूजल का स्तर बहुत तेजी से नीचे जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस योजना से महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात, एमपी, यूपी और राजस्थान 7 राज्यों को बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा। कहने को ये 7 राज्य हैं लेकिन एक तरह से यह हिंदुस्तान का 50 प्रतिशत हिस्सा है। इन 7 राज्यों के 78 जिलों में 8300 से ज्यादा गांवों में भूजल की स्थिति बहुत खतरनाक है।’

पीएम मोदी ने ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ का मंत्र दोहराते हुए कहा, ‘हमने गुजरात में शुगर मिलों से कहा कि वे सिर्फ उन्हीं किसानों से गन्ना लें जो सिंचाई में स्प्रिंकलिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि गन्ने का उत्पादन भी बढ़ा और भूजल का स्तर भी नीचे जाने से रुका।’ उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करना होगा कि वे सिंचाई के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल करें। ज्यादा पानी की जरूरत वाली फसलों की सिंचाई में स्प्रिंकलिंग जैसी तकनीक अपनाएं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘बहुत ज्यादा पानी की जरूरत वाली फसलें जहां बोई जा रही हैं, वहां भूजल का स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। इसलिए किसानों को जल संरक्षण के महत्व को समझाना होगा। किसानों को ही इस आंदोलन का नेतृत्व करना होगा। जिम्मेदारी हम सभी नागरिकों और किसानों की है। अटल जल योजना में इसलिए यह भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए अच्छा काम करेंगी उन्हें इन्सेंटिव दिया जाएगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन हर घर तक जल पहुंचाने का काम करेगा और अटल जल योजना उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे गई है या तेजी से नीचे जा रही है। जिस तरह हमने हर घर में शौचालय पहुंचाया है, वैसे ही हमें हर घर में पानी पहुंचाना है। यह हमारा प्रण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 18 करोड़ ग्रामीण घरों में सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही नल से पानी पहुंचता है। अगले 5 सालों में हमें ग्रामीण क्षेत्रों में 15 करोड़ घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाना है। अगले 5 सालों में केंद्र और राज्य सरकारें साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च पानी के लिए खर्च करने वाले हैं।

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