सांसदों की क्लास में बोले मोदी- अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं

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सांसदों की क्लास में बोले मोदी- अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नवनिर्वाचित सांसदों को तमाम मुद्दों पर नसीहत दी है। नए चुनकर आए सासंदों से पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि हमारा मोह हमें संकट में डालता है इसलिए हमारे नए और


सांसदों की क्लास में बोले मोदी- अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नवनिर्वाचित सांसदों को तमाम मुद्दों पर नसीहत दी है। नए चुनकर आए सासंदों से पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि हमारा मोह हमें संकट में डालता है इसलिए हमारे नए और पुराने साथी इन चीजों से बचें क्योंकि अब देश माफ नहीं करेगा। हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं। हमें इन्हें निभाना है, वाणी से, बर्ताव से, आचार से, विचार से हमें अपने आपको बदलना होगा।

नवनिर्वाचित सांसदों को वीआईपी कल्चर से बचने की सलाह देते हुए मोदी ने कहा, ‘वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए। लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुए, जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है। उन्होंने कहा कि सांसदों को जरूरत पड़ने पर अन्य नागरिकों की तरह कतारों में भी खड़ा होना चाहिए।

इसी तरह मोदी ने कैबिनेट शामिल किए जाने को लेकर होने वाले कानाफुसी पर कहा, ‘इस देश में बहुत ऐसे नरेंद्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है। जो भी जीतकर आए हैं, सब मेरे हैं। सरकार और कोई बनाने वाला नहीं है, जिसकी जिम्मेवारी है वही बनाने वाले हैं। अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि मंत्री पदों के लिए मीडिया की खबरों में चल रहे नामों पर भरोसा नहीं करें, नियमों के अनुसार जिम्मेदारी दी जाएगी।

छपास और दिखास से बचें | मीडिया से दूर रहने की सलाह देते हुए कि पीएम मोदी ने कहा कि छपास और दिखास से बचना चाहिए। इससे अगर बचकर चलते हैं तो बहुत कुछ बचा सकते हैं। हमारा मोह हमें संकट में डालता है इसलिए हमारे नए और पुराना साथी इन चीजों से बचें क्योंकि अब देश माफ नहीं करेगा। हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां है। हमें इन्हें निभाना है. वाणी से, बर्ताव से, आचार से, विचार से हमें अपने आपको बदलना होगासांसदों की क्लास में बोले मोदी- अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं

मोदी ने कहा, ‘जनता ने हमें इतना बड़ा आदेश दिया है। स्वाभाविक है कि सीना चौड़ा हो जाता है, माथा ऊंचा हो जाता है। जनप्रतिनिधि के लिए ये दायित्व होता है, उसके लिए कोई भेद रेखा नहीं हो सकती है। जो हमारे साथ थे, हम उनके लिए भी हैं और जो भविष्य में हमारे साथ चलने वाले हैं, हम उनके लिए भी हैं। हमारा नारा(NARA) राष्ट्रीय आकांक्षा और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा है।

प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को भी बढ़ा देता है | प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को भी बहुत बढ़ा देता है। जिम्मेदारियों को हम सहर्ष स्वीकार करने के लिए निकले हुए लोग हैं। उसके लिए नई ऊर्जा, नई उमंग के साथ हमें आगे बढ़ना है। भारत का लोकतंत्र, भारत का मतदाता, भारत का नागरिक उसका जो नीर-क्षीर विवेक है, शायद किसी मापदंड से उसे मापा नहीं जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है. सत्ता-भाव न भारत का मतदाता स्वीकार करता है, न पचा पाता है। इस देश की विशेषता है कि बड़े से बड़े सत्ता सामर्थ्य के सामने भी सेवाभाव को वो सिर झुकाकर के स्वीकार करता है। हम चाहे भाजपा या एनडीए के प्रतिनिधि बनकर आए हों, जनता ने हमें स्वीकार किया है सेवाभाव के कारण। मोदी ने बताया कि रामकृष्ण परमहंस का एक ही संदेश रहता था कि जीव में ही शिव है, ये सेवा भाव हमारे लिए और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए इससे बड़ा कोई मार्ग नहीं हो सकता है।

एनडीए के सहयोगियों को धन्यवाद | पीएम मोदी ने एनडीए के सहयोगियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज एनडीए के भी सभी वरिष्ठ साथियों ने आशीर्वाद दिए हैं और आप सबने मुझे नेता के रूप में चुना है। मैं इसे एक व्यवस्था का हिस्सा मानता हूं। मैं भी बिल्कुल आप में से एक हूं, आपके बराबर हूं। हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। एनडीए की यही तो ताकत है, विशेषता है. इस चुनाव की एक बहुत बड़ी विशेषता है। आम तौर पर चुनाव बांट देता है, दूरियां पैदा करता है, दीवार बना देता है, खाई पैदा कर देता है लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है। दिलों को जोड़ने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया, समता भी, ममता भी, समभाव भी, ममभाव भी। इस वातावरण ने इस चुनाव को एक नई ऊंचाई दी। ये देश परिश्रम की पूजा करता है, ये देश ईमान को सिर पर बैठाता है। हिन्दुस्तान के मतदाता में जो नीर-क्षीर विवेक है, उसकी ताकत देखिए। परिश्रम की अगर पराकाष्ठा है और ईमानदारी पर रत्ती भर भी संशय न हो तो देश उसके साथ चलेगा।

जनप्रतिनिधि कभी भेद नहीं करता | पीएम मोदी ने कहा कि जनप्रतिनिधि कभी भेद नहीं सकता है. नए जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनप्रितिनिधि के साथ हमारा कोई भी पराया नहीं हो सकता है। इसकी ताकत बहुत बड़ी होती है. दिलों को जीतने की कोशिश करेंगे। मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूं, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूं कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी।

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