2018 में भी विदेश यात्राओं में व्यस्त रहेंगे PM मोदी, करेंगे कई देशों का दौरा

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2018 में भी विदेश यात्राओं में व्यस्त रहेंगे PM मोदी, करेंगे कई देशों का दौरा

नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] अंतरराष्ट्रीय सक्रियता के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाला साल भी 2017 की तरह व्यस्तताओं से भरा होगा। भारत को ग्लोबल प्लेयर बनाने की कोशिशों के तहत 2018 में भी प्रधानमंत्री मोदी अपना अभियान जारी रखेंगे। इंडो-आसियान समिट के अलावा मोदी दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम से


नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] अंतरराष्ट्रीय सक्रियता के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाला साल भी 2017 की तरह व्यस्तताओं से भरा होगा। भारत को ग्लोबल प्लेयर बनाने की कोशिशों के तहत 2018 में भी प्रधानमंत्री मोदी अपना अभियान जारी रखेंगे। इंडो-आसियान समिट के अलावा मोदी दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम से जुड़े आयोजन के लिए जाएंगे।

जनवरी में मोदी की व्यस्तता काफी बढ़ जाएगी। बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे से भारत और इजरायल के बीच रिश्ते अगले स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है वहीं जॉर्डन के राजा के दौरे से पश्चिम एशिया में उतार-चढ़ाव के बीच भारत की विदेश नीति में पारंपरिक संतुलित नजरिया दिखेगा। मोदी पिछले दो दशकों में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए दावोस पहुंचने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे, वहीं गणतंत्र दिवस समारोह में 10 आसियान नेताओं की मौजूदगी से दक्षिण-पूर्व एशिया में संतुलन बनाने वाली ताकत के रूप भारत के रोल को मान्यता मिलेगी। ऐसा पहली बार होगा, जब 10 विदेशी नेता देश के गणतंत्र दिवस समारोह में मौजूद होंगे।

फरवरी का महीना भी मोदी के लिए कम व्यस्त नहीं रहेगा। इस दौरान मोदी के यूएई और फिलिस्तीन जाने की उम्मीद है। इसके अलावा वह फ्रांस के राष्ट्रपति और कनाडा के प्रधानमंत्री की मेजबानी भी करेंगे। इंटरनैशनल सोलर अलायंस (आईएसए) समिट भी फ्रांस के राष्ट्रपति के दौरे के आसपास ही होगा और इसमें कई अंतरराष्ट्रीय नेता शिरकत करेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति के दौरे में हिंद महासागर साझेदारी का मुद्दा सर्वोच्च प्राथमिकता में होगा।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू के दौरे से भारत और कनाडा के बीच व्यावसायिक और राजनीतिक रिश्तों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। पिछले एक साल में जस्टिन की कैबिनेट के तकरीबन सभी अहम सदस्य भारत आ चुके हैं। कनाडा के पीएम के दौरे का मामला भी पिछले कई महीने से चल रहा था। इस बीच, फरवरी-मार्च के दौरान बिम्सटेक समिट के दौरान मोदी नेपाल भी जा सकते हैं, बशर्ते काठमांडू में सरकार की हालत ठीक हो। अप्रैल में मोदी पहली बार कॉमनवेल्थ समिट में हिस्सा लेने लंदन जाएंगे।

2018 के दूसरे हिस्से में मोदी सालाना सम्मेलनों में शामिल होंगे। वह ब्रिक्स समिट के लिए साउथ अफ्रीका जा सकते हैं। इसके अलावा, जी-20 समिट के लिए अर्जेंटीना, इंडिया-आसियान और ईस्ट एशिया समिट्स के लिए सिंगापुर के उनके दौरे प्रस्तावित हैं। जून में शांग्रीला संवाद के लिए मोदी सिंगापुर भी जा सकते हैं। इस बीच, मोदी जून में एससीओ समिट के लिए चीन भी पहुंच सकते हैं। अगर वह 2018 में चीन जाते हैं तो यह लगातार चौथा साल होगा, जब वह इस देश की यात्रा करेंगे। इसकी शुरुआत 2015 में द्विपक्षीय दौरे के साथ हुई है। 2016 में वह जी-20 समिट और 2017 मे ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने वहां गए। इस बात को लेकर भी चर्चा है कि चीन और सऊदी अरब के टॉप नेता भी 2018 में चीन जा सकते हैं। अगले साल जापान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करेगा।

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