उत्तराखंड के प्रसून जोशी बनाए गए सेंसर बोर्ड के नए चेयरमैन

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उत्तराखंड के प्रसून जोशी बनाए गए सेंसर बोर्ड के नए चेयरमैन

नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] पहलाज निहलानी को CBFC अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह लेखक और गीतकार प्रसून जोशी को अध्यक्ष बनाया गया है। ऐक्ट्रेस विद्या बालन को भी CBFC का सदस्य बनाया गया है। केंद्र सरकार ने सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 1983 के नियम 3 के साथ सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952


नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] पहलाज निहलानी को CBFC अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह लेखक और गीतकार प्रसून जोशी को अध्यक्ष बनाया गया है। ऐक्ट्रेस विद्या बालन को भी CBFC का सदस्य बनाया गया है।

केंद्र सरकार ने सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 1983 के नियम 3 के साथ सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 (1952 की 37) की धारा 3 की उप-धारा (1) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए  प्रसून जोशी को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया है। श्री जोशी की यह नियुक्‍ति मानद हैसियत से 11 अगस्‍त, 2017 से प्रभावी हो गई है। यह नियुक्‍ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से लेकर अगले तीन वर्षों तक अथवा अगले आदेश तक, इनमें से जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगी।

फिल्मी दुनिया में गीतकार के तौर पर प्रख्यात प्रसून जोशी का जन्म 16 सितम्बर 1968 को जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दन्या गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्र कुमार जोशी और माता का नाम सुषमा जोशी है। उनका बचपन एवं उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं नरेन्द्रनगर में हुई, जहां उन्होंने एमएससी और उसके बाद एमबीए की पढ़ाई कीय़ गीतकार, पटकथा लेखक और विज्ञापन गुरु प्रसून जोशी का कहना है कि उन्हें ऐसे बोल वाले गीत नहीं भाते, जो अटपटे हों। ऐसे गीत और उसकी धुन सुनकर उनका खून खौल उठता है।

प्रसून कहते हैं कि जब मैंने इस प्रकार के गीत और उनके बोल सुने, मेरा खून खौल उठा था। मैं काफी नाखुश और गुस्से से भरा हुआ था। मनोरंजन के लिए आप किसी भी चीज के साथ समझौता नहीं कर सकते।

प्रसून का यह भी मानना है कि दर्शक या श्रोता ही बदलाव ला सकते हैं, अगर वह इस प्रकार के अटपटे बोल वाले संगीत को अस्वीकार कर दें। उनका कहना है कि इस विकल्प से दर्शक या श्रोता बदलाव ला सकते हैं। उनके पास ताकत है, जिस दिन वह इस प्रकार की चीजों को स्वीकार करना बंद कर देंगे, लोगों को बदलाव नजर आएगा।

प्रसून जोशी अच्छे हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के गीतकार हैं। प्रसून जोशी विज्ञापन जगत की गतिविधियों से भी जुड़े हैं। उनके कुछ विज्ञापनों के पंच ने उन्हें काफी नाम दिलाया। इसके बाद वह फिल्मों में अपने गीत के जरिए लोगों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुएष

अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी ‘मैकऐन इरिक्सन’ में कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं। फ़िल्म ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां…’ के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है।

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