वनाग्नि में 3 की मौत, 2876 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

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वनाग्नि में 3 की मौत, 2876 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

उत्तराखंड के वनों में लगी आग में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 14 लोग घायल हुए हैं। वनों में आग से 7 पालतू जानवरों की भी मौत हुई है। सोमवार को अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने प्रदेश में वनाग्नि की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि एक्टिव फायर


उत्तराखंड के वनों में लगी आग में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 14 लोग घायल हुए हैं। वनों में आग से 7 पालतू जानवरों की भी मौत हुई है। सोमवार को अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने प्रदेश में वनाग्नि की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि एक्टिव फायर की संख्या में पिछले 24 घंटों में काफी कमी आई है। उन्होंने बताया कि आज एक्टीव फायर की संख्या 40 है जबकि रविवार को यह संख्या 73 थी।

271 में से 232 घटनाओं पर पाया काबू

रामास्वामी ने बताया कि आज यानि सोमवार को वनाग्नि की 271 घटनाएं थी, जिनमें से 232 पर काबू पा लिया गया। विभिन्न विभागों के लगभग 10 हजार से अधिक लोगों को वनाग्नि को रोकने के काम में लगाया गया है। इस बार फायर वॉचर की संख्या को 3 हजार से बढ़ाकर 6 हजार कर दिया गया है। इसका परिणाम भी मिलने लगा है। वर्तमान में एक्टीव फायर की संख्या में कमी आई है। अब पहले की तुलना में अधिक तेजी से आग की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने में सफलता मिल रही है।

46 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

रामास्वामी ने बताया कि जंगलों में जानबूझकर आग लगाते हुए पाए जाने पर कुल 46 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 1 मामले में एफआईआर व 45 में फोरेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इनमें से 2 व्यक्तियों को नैनीताल में व 1 व्यक्ति को पिथौरागढ़ में गिरफ्तार किया गया है।

वनों में आग लगाने पर 3 से 7 साल की सजा

अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि फॉरेस्ट एक्ट में जानबूझकर आग लगाया जाना सिद्ध होने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है।

एयरफोर्स का अभियान जारी

उन्होंने बताया कि सोमवार को भी जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए एयरफोर्स के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया। हैलिकॉप्टर ने नैनीताल से पांच व पौड़ी से तीन उड़ानें भरी।

अब तक वनाग्नि की 1317 घटनाएं

वर्तमान फायर सीजन (15 फरवरी से 15 जून) में वनाग्नि से हुए नुकसान की जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कुल 1317  वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं जिनसे 2876 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

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