अटल जी के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक, उत्तराखंड में बंद रहेंगे दफ्तर और शिक्षण संस्थान

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अटल जी के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक, उत्तराखंड में बंद रहेंगे दफ्तर और शिक्षण संस्थान

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। अटल जी ने नई दिल्ली एम्स में शाम पांच बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। अटल जी ने नई दिल्ली एम्स में शाम पांच बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के सम्मान में श्रद्धांजलि स्वरुप  दिनांक 17 अगस्त 2018 यानि कि शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार के सभी शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालय और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।

साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी जी के सम्मान में सात दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। इस दौरान उत्तराखंड में जहां-जहां नियमित रुप से राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाते हैं, वह राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। साथ ही राष्ट्रीय शोक की अवधि में कोई भी शासकीय मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे।

वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि जन जन के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से पूरा देश स्तब्ध है। ईश्वर से प्रार्थना है अटल जी की आत्मा को शांति प्रदान करें। भारत माता के मुकुट का एक प्रदीप्त रत्न खोया है। आप की कमी को कोई पूरा नहीं कर पायेगा अटल जी।

त्रिवेंद्र ने आगे कहा कि भारतीय राजनीति में अटल जी ने पक्ष, विपक्ष सभी के दिलों पर राज किया।गठबंधन सरकार पूरे ५ साल चलाने की विलक्षण प्रतिभा उनकी ही हो सकती थी।आमजन के कल्याणार्थ उनका स्पष्ट दृष्टिकोण, देश को परमाणु संपन्न बनाने का फ़ैसला,देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।

देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रख के, CTBT और NPT पर साइन किए बिना देश को न्यूक्लियर स्टेट बनाना उनकी कुशल विदेशनीति के उत्तम उदाहारण हैं।अटल जी एक कुशल राजनीतिक होने के साथ साथ एक ओजस्वी वक्ता, सहृदय कवि और सच्चे स्वयंसेवक रहे- सही मायनों में अटल जी सच्चे भारत रत्न थे।

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