नैनीताल डीएम के प्रयासों से बदली रामनगर अस्पताल की तस्वीर, नए साल में मिलेगा ये तोहफा

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नैनीताल डीएम के प्रयासों से बदली रामनगर अस्पताल की तस्वीर, नए साल में मिलेगा ये तोहफा

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) सरकारी अस्पतालों में जन स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से बहाल करने की दिशा में जिलाधिकारी सविन बंसल तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उनके द्वारा नियमित रूप से जिला चिकित्सा प्रबन्धन की बैठकें लेकर सरकारी अस्पतालों की बेहतरी के लिए काम किए जा रहे हैं। अस्पतालों में वित्तीय संसाधनों की कमी को देखते


नैनीताल डीएम के प्रयासों से बदली रामनगर अस्पताल की तस्वीर, नए साल में मिलेगा ये तोहफा

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) सरकारी अस्पतालों में जन स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से बहाल करने की दिशा में जिलाधिकारी सविन बंसल तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उनके द्वारा नियमित रूप से जिला चिकित्सा प्रबन्धन की बैठकें लेकर सरकारी अस्पतालों की बेहतरी के लिए काम किए जा रहे हैं। अस्पतालों में वित्तीय संसाधनों की कमी को देखते हुए उनके द्वारा अपने स्तर से वित्त एवं संसाधनों की व्यवस्था भी की जा रही है। बीते रोज उन्होंने राम दत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय प्रबन्धन समिति की बैठक लेकर वहां की समस्याएं जानी तथा मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए विशेष सुविधाए उपलब्ध कराने के निर्देश चिकित्सा अधीक्षक डॉ टीके पन्त को दिए।

जिलाधिकारी बंसल की पहल पर रामनगर चिकित्सालय को चार व्हील चैयर 24 घण्टे के भीतर उपलब्ध करा दी गयी हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि रामनगर चिकित्सालय में चार दिन के भीतर डीप फ्रीजर भी स्थापित कर दिया जाएगा।

नैनीताल डीएम के प्रयासों से बदली रामनगर अस्पताल की तस्वीर, नए साल में मिलेगा ये तोहफा

उन्होंने बताया कि रामनगर व उसके आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को ब्लड की व्यवस्था काशीपुर व अन्य स्थानों से करनी पड़ती थी, रामनगर चिकित्सालय का ब्लड बैंक उन्हें पूर्व में किए गए निरीक्षण के दौरान निष्क्रिय मिला था। तभी से उन्होंने चिकित्सालय के ब्लड बैंक को संक्रिय करने की ठान ली थी। बंसल ने बताया कि दिसम्बर के अन्त तक चिकित्सालय का ब्लड बैंक सक्रिय कर दिया जाएगा जोकि रामनगर वासियों के लिए नव वर्ष के तोहफे के रूप में होगा।

गौरतलब है कि विगत दिनों सम्पन्न हुई बैठक में अध्यक्ष नगर पालिका हाजी मोहम्मद अकरम ने अस्पताल में लावारिश लाशों को रखने के लिए डीप फ्रीजर नगर पालिका से दिए जाने की बात कही थी। ज्ञातव्य हो कि लावारिश लाशों को तीन दिन तक मोर्चरी में रखने का नियम है तथा फिर पीएम के बाद उसका अन्तिम संस्कार किया जाता है। अधिकांश हादसों में तीन दिन में लावारिश लाशे सड़ जाती हैं तथा तीन दिन में उनके शरीर में कीड़े चिपक जाते हैं और वातावरण प्रदूषित होता है तथा संक्रामक बीमारियों का अन्देशा भी बना रहता है। ऐंसे में डीप फ्रीज़र होना जरूरी था।

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