कैबिनेट फैसले | सर्किल रेट आधे, उपनल कर्मियों और हॉकर्स को सौगात

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कैबिनेट फैसले | सर्किल रेट आधे, उपनल कर्मियों और हॉकर्स को सौगात

हरीश रावत कैबिनेट की बैठक में ये फैसले लिए गए। उत्तराखण्ड राज्य के जनपद उधमसिंह नगर के काशीपुर में स्थापित 03 गैस आधारित परियोजनाओें से विद्युत क्रय करने हेतु 02 वर्षां की अवधि के स्थान पर 25 वर्षां की अवधि के पी.पी.ए. हेतु प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया। उत्तराखण्ड राज्य में ‘‘उत्तराखण्ड अभियन्त्रण (विद्युत


हरीश रावत कैबिनेट की बैठक में ये फैसले लिए गए।

  • उत्तराखण्ड राज्य के जनपद उधमसिंह नगर के काशीपुर में स्थापित 03 गैस आधारित परियोजनाओें से विद्युत क्रय करने हेतु 02 वर्षां की अवधि के स्थान पर 25 वर्षां की अवधि के पी.पी.ए. हेतु प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
  • उत्तराखण्ड राज्य में ‘‘उत्तराखण्ड अभियन्त्रण (विद्युत सुरक्षा) सेवा नियमावली, 2016’ के प्रख्यापन पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
  • समाचार पत्र वितरकों (हॉकर्स) की समस्याओं के निराकरण हेतु मैदानी क्षेत्र के वितरकों के लिये साइकिल तथा पर्वतीय क्षेत्रों के वितरकों के लिये रेनकोट, छाता एवं गम बूट(जूता) उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया।
  • युवा कल्याण विभाग के अन्तर्गत महिला मंगल दलों का सशक्तिकरण किये जाने के निम्न बिन्दुओं पर मंत्रीमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।
  • राज्य के प्रत्येक महिला मंगल दल का रूपये 5000 एकमुश्त धनराशि का बैंक खाता खोला जाय। महिला मंगल दल सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये उक्त धनराशि से विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करेंगे।
  • राज्य के प्रत्येक महिला मंगल दल के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिये इन दलों को युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित ‘‘युवाओं के आर्थिक सहायता योजना’’ के माध्यम से लाभान्वित किया जायेगा।
  • ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत एवं विकास खण्ड स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा कराये जाने वाले निर्माण कार्य, जिनकी अधिकतम सीमा रू. 3.00 लाख हो, महिला मंगल दल द्वारा कराये जा सके।
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत संविदा पर कार्यरत कार्मिकों के मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि किये जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
  • महिला स्वयं सहायता समूहों के कल्याणार्थ ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण  योजना’ के क्रियान्वयन के लिए निम्न बिंदुओं पर अनुमोदन किया गया।
  • महिलाओं की आजीविका में सुधार, ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना, पलायन पर रोक, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं महिलाओं को स्वावलम्बी बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना प्रारम्भ की गई है।
  • कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु प्रदेश स्तर पर नोडल विभाग ग्राम्य विकास विभाग होगा।
  • कार्यक्रम का नियोजन, कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण का सम्पूर्ण दायित्व जनपद स्तर पर जिलाधिकारी तथा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी का होगा।
  • योजनान्तर्गत किए जाने वाले कार्यों के लिए धनराशि मनरेगा द्वारा तथा स्वयं सहायता समूहों के सशक्तिकरण के लिए सामुदायिक निवेश निधि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
  • उपनल के माध्यम से प्रायोजित कार्मिकों के मानदेय में प्रतिमाह 3 हजार रूपए की वृद्धि किए जाने पर अनुमोदन किया गया।
  • हल्द्वानी में आईएसबीटी के निर्माण पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
  • उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में प्रचलित सर्किल दरों को व्यावहारिक एवं युक्तियुक्त बनाए जाने के लिए वर्ष 2012 से सामान्यतः वार्षिक वृद्धि की दर 10 प्रतिशत होने के अनुसार वर्ष 2012 में लागू दरों में चार वर्षों की सामान्य वृद्धि अर्थात 40 प्रतिशत वृद्धि के योग के अनुसार आंकलित दर को सामान्य दर मान कर निम्नानुसार कार्यवाही किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
  • वर्ष 2016 की मूल्यांकन सूची में निर्धारित दरों में वर्ष 2012 की मूल्यांकन सूची में निर्धारित दर में 40 प्रतिशत से कम वृद्धि वाले क्षेत्रों की दरों में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाए तथा 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत वृद्धि वाले क्षेत्रों में वृद्धि को 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जाए।
  • वर्ष 2016 की मूल्यांकन सूची में निर्धारित दरों में वर्ष 2012 की मूल्यांकन सूची में निर्धारित दर में 80 प्रतिशत से अधिक वृद्धि वाले क्षेत्रों में वर्ष 2012 की मूल्यांकन सूची में निर्धारित दर के 40 प्रतिशत तथा अवशेष वृद्धि प्रतिशत के केवल 30 प्रतिशत के योग के अनुसार आकलित दर को निर्धारित कर दिया जाए।
  • उपरोक्त दोनों स्थितियों में निर्धारित की जाने वाली दर वर्ष 2014 में निर्धारित दर से 10 प्रतिशत अधिक आकलित दर से कम नहीं होने का भी ध्यान रखा जाए।
  • किसानों के हितों को देखते हुए जिन क्षेत्रों में वर्ष 2016 में कृषि दर प्राविधानित नही थी उनमें कृषि भूमि की दरों  को प्रति हेक्टेयर/प्रति वर्गमीटर में जो कि वर्ष 2016 में बिंदु संख्या 1 से 3 की व्यवस्थानुसार पुर्ननिर्धारित हो रही अकृषि दरों के 50 प्रतिशत के अनुसार होंगी, के अनुसार प्रति हे0/प्रति वर्गमीटर में निर्धारित कर दी जाए।
  • प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों के फलस्वरूप मूल्यांकन सूची में प्रविष्ट हुई नवीन सड़कों की दरों में विकास कार्यों को गति देने के लिए 20 प्रतिशत की कमी की जाए। परंतु यह ध्यान रखा जाएगा कि नवीन सड़कों की दरों में 20 प्रतिशत कमी करने के बाद उक्त पुनर्निर्धारित अकृषि दरें नवीन सड़कों पर स्थित क्षेत्र विशेष की पुनर्निर्धारित अकृषि दरों से न्यूनतमतया 10 प्रतिशत अधिक हो।
  • आम जनता को राहत देने के लिए भूमि की सीमाओं में स्थित मार्गों की चौड़ाई के अनुसार वर्तमान में निर्धारित आनुपातिक वृद्धि 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत को क्रमशः 50 प्रतिशत कम कर दिया जाए।
  • प्रदेश के समस्त जनपदों के पर्वतीय क्षेत्रों की विशिष्ट प्रकृति को देखते हुए लघु काश्तकारों के हितार्थ अकृषि भूमि की न्यूनतम सीमा को 500 वर्गमीटर रखा जाए।
  • फ्लैट के निर्मात क्षेत्रफल की निर्माण दर एवं लिन्टरपोश निर्माण की दर के अलग-अलग निर्धारित होने से फ्लैट्स के क्रेताओं को हो रही परेशानी दूर करने के लिए फ्लैट की निर्माण दरों को कम कर लिन्टरपोश निर्माण के समान किया जाए।
  • छोटे दूकानदारों के हितार्थ एकल व्यवसायिक सम्पिŸायों जो कि शॉपिंग मॉल/काम्प्लैक्स का भाग नही है, में सुपर एरिया का तात्पर्य निर्मित क्षेत्रफल से लगाया जाए।
  • व्यसवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एकल व्यवसायिक सम्पिŸायों जो कि शापिंग मॉल/काम्प्लैक्स का भाग नही है, के विभिन्न तलों के अलग-अलग अन्तरित होने पर प्रथम तल पर 10 प्रतिशत, द्वितीय तल पर 20 प्रतिशत तथा तृतीय एवं उससे ऊपर के तलों पर स्थित सम्पिŸा के मूल्यांकन में 30 प्रतिशत की छूट दी जाए।
  • औद्योगित गतिविधियों को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए उद्योगों की स्थापना किए जाने एवं उनमें निर्माण की लागत कम आने के दृष्टिगत औद्योगिक निर्माण की दर टीनपोश निर्माण हेतु निर्धारित दर के समान मानी जाए।
  • राजमार्गों पर 51 मीटर से 200 मीटर अथवा 350 मीटर तक की निर्धारित दरों को 0 से 50 मीटर हेतु निर्धारित दर से औसतन 20 प्रतिशत कम रखा जाए, परंतु इन दरों के निर्धारण में भौगोलिक परिस्थितियों का भी ध्यान रखा जाए।

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