कोटद्वार की दुल्हन ने खोली ‘खुले में शौच मु्क्त उत्तराखंड’ की पोल !

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कोटद्वार की दुल्हन ने खोली ‘खुले में शौच मु्क्त उत्तराखंड’ की पोल !

कोटद्वार (पौड़ी) [जहांगीर] उत्तराखंड सरकार ने देहरादून में एक भव्य आयोजन में उत्तराखंड को खुले में शौच मुक्त राज्य होने का दावा किया था। राज्य के इस दावे पर केंद्र सरकार ने भी त्रिवेंद्र सरकार की पीठ थपथपाई थी, इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसके लिए बकायदा दिल्ली से दून पहुंचे थे।


कोटद्वार (पौड़ी) [जहांगीर] उत्तराखंड सरकार ने देहरादून में एक भव्य आयोजन में उत्तराखंड को खुले में शौच मुक्त राज्य होने का दावा किया था। राज्य के इस दावे पर केंद्र सरकार ने भी त्रिवेंद्र सरकार की पीठ थपथपाई थी, इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसके लिए बकायदा दिल्ली से दून पहुंचे थे। लेकिन दो दिन बाद ही हरिद्वार से आई एक खबर ने सरकारी दावे की पोल खोल के रख दी है। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

दरअसल हरिद्वार में उत्तराखंड के खुले में शौच मुक्त होने के दावे की पोल उस वक्त खुली जब एक दुल्हन ससुराल में शौचालय न होने के चलते ससुराल छोड़कर अपने मायके वापस चली गई। ससुराल में शौचालय न होने के चलते खुले में शौच के लिए जाने पर मजबूर होने के बाद दुल्हन ने ये साहसिक कदम उठाया है और कसम खाई है कि शौचालय न बनने तक वह ससुराल में कदम नहीं रखेगी।

दरअसल ये कहानी है पौड़ी जिले के कोटद्वार की ग्राम पंचायत लोकमणीपुर के शीतलपुर गांव की। यूपी के बिजनोर की रहने वाली मोनिका की शादी अप्रैल महीने में हुई थी। शादी के चार दिनों तक तो मोनिका शौचालय न होने के चलते जैसे-तैसे अपने ससुराल में रही लेकिन जब मोनिका से शौच के लिए खुले में जाना सहन नहीं हुआ तो उसने ससुराल को छोड़ना ही उचित समझा।

ऐसा नहीं है की मोनिका के ससुराल वालो ने शौचालय को बनवाने के लिए प्रयास नहीं किए। मोनिका की जेठानी बताती है की उन्होंने कर्जा लेकर ना केवल शादी की बल्कि शौचालय के लिए प्रधान से भी बात की। कागज भी पूरे बन गए थे लेकिन कुछ हुआ नहीं। अब घर वालो को चिंता सता रही है की अगर घर में शौचालय नहीं बना तो उनकी बहु घर वापस कैसे आएगी।

बहरहाल मोनिका के इस साहसिक फैसले की चारों ओर तारीफ हो रही है लेकिन दो दिन पहले ही उत्तराखंड को खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित करने वाली राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार के लिए ये किसी फजीहत से कम नहीं है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि उत्तराखंड में सरकार के सौ दिनों की उपलब्धियां गिना रहे मुख्यमंत्री अब आखिर इस पर क्या कहते हैं।

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