जानिए हरक सिंह रावत के लिए कोटद्वार सीट क्यों हानिकारक है ?

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Pauri-Garhwal

जानिए हरक सिंह रावत के लिए कोटद्वार सीट क्यों हानिकारक है ?

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूडी की कांग्रेसी दिग्गज सुरेन्द्र सिंह नेगी के हाथों हुई करार हार के बाद से देशभर में चर्चाओं में आई कोटद्वार विधानसभा सीट एक बार फिर से चर्चाओं में है। दरअसल इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले


वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूडी की कांग्रेसी दिग्गज सुरेन्द्र सिंह नेगी के हाथों हुई करार हार के बाद से देशभर में चर्चाओं में आई कोटद्वार विधानसभा सीट एक बार फिर से चर्चाओं में है।

दरअसल इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले हरक सिंह रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है। हरक को भाजपा का टिकट मिलने से यहां से टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत ने पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करते हुए इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

जानिए हरक सिंह रावत के लिए कोटद्वार सीट क्यों हानिकारक है ?

शैलेन्द्र रावत की बगावत के बाद इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ना तय है। हरक सिंह रावत इस सीट पर भाजपा के पैराशूट प्रत्याशी हैं जबकि टिकट ना मिलने पर पार्टी से बगावत करने वाले पूर्व भाजपा विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत क्षेत्र में अच्छा जनाधार रखते हैं।

वहीं कांग्रेस की अगर बात करें तो कांग्रेस यहां से एक बार फिर मौजूदा विधाक व कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को टिकट दे सकती है। सुरेन्द्र सिंह ने 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीसी खंडूरी को मात देकर सबको ना सिर्फ चौंका दिया था बल्कि कांग्रेस को बढ़त दिला दी थी, जिससे कांग्रेस की राज्य में सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ऐसे में कांग्रेस के मजबूत प्रतिद्वंदि के साथ ही अपनी ही पार्टी के बागी उम्मीदवार से लड़कर जीत हासिल करना हरक सिंह रावत के लिए आसान नहीं होगा।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे