रोहित की हत्या के पूरे घटनाक्रम का खुलासा, इस बीमारी की वजह से परिवार को नही लगी मरने की भनक
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) रोहित शेखर तिवारी की हत्या के मामला में पुलिस ने हत्या के पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है जिसके मुताबिक 10 अप्रैल को रोहित शेखर तिवारी अपनी मां उज्जवला शर्मा, एक महिला रिश्तेदार, नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश के साथ अपनी कार में उत्तराखंड गया था क्योंकि उत्तराखंड में पहले चरण
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) रोहित शेखर तिवारी की हत्या के मामला में पुलिस ने हत्या के पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है जिसके मुताबिक 10 अप्रैल को रोहित शेखर तिवारी अपनी मां उज्जवला शर्मा, एक महिला रिश्तेदार, नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश के साथ अपनी कार में उत्तराखंड गया था क्योंकि उत्तराखंड में पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को वोटिंग थी। उन्हें काठगोदाम इलाके में वोट देना था।
फिर 15 अप्रैल को वापस सभी वापस दिल्ली लौटते हैं, रोहित पूरे रास्ते कार में शराब पी रहा था। करीब सात-आठ घंटे के सफर दे बाद रात सवा दस से साढ़े दस बजे के दरम्यान रोहित और उसका परिवार घर पहुंचते हैं। घर आने के बाद रोहित ने रात करीब 11 बजे अकेले खाना खाय और अपने कमरे में चला गया। इसके बाद घर के सभी लोगों ने भी खाना खा लिया और फिर रोहित की मां तिलक लेन के अपने घर चली गयी। महिला रिश्तेदार भी साथ चली जाती है।
फिर रोहित का भाई सिद्धार्थ और नौकर, ड्राइवर भी अपने-अपने कमरे में चले जाते हैं। रोहित का कमरा पहली मंजिल में है जहां कैमरा नही था। वहां रोहित के अलावा सिर्फ तीन लोग थे। अपूर्वा, रोहित का नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश।
रोहित के कमरे में जाने वाली आखिरी शख्स रेहित की ही पत्नी थी जो रात करीब 12.45 बजे अपूर्वा रोहित के कमरे में गयी। कमरे में रोहित और अपूर्वा के बीच झगड़ा होता है. झगड़ा इस बात पर भी था कि रोहित महिला रिश्तेदार के साथ शराब क्यों पी रहा था। इसी झगड़े के दौरान अपूर्वा ने गुस्से में तकिए से रोहित का गला, मुंह और नाक जोर से दबा दिया। नशे में चूर रोहित अपना बचाव नही कर सका और वही मर गया।
अपूर्वा जान चुकि थी कि उसने रोहित की हत्या कर दी है। वह रोहित के कमरे से निकल कर अफने कमरे में चली गयी। इस वक्त 1 बज रहा था। रोहित को नींद ना आने की बीमारी थी। वो अक्सर पूरी-पूरी रात जागा करता था और दिन में हमेशा देर तक सोता था। लिहाज़ा अगले दिन जब सुबह से दोपहर और फिर शाम के चार बजे तक वो नहीं उठा तो घर में किसी को भी ज़रा सा भी शक नहीं हुआ कि रोहित क्यों नहीं जाग रहा है।
बस अपूर्वा जानती थी कि रोहित अब कभी नहीं उठेगा। अपूर्वा इंतजार कर रही थी रोहित के कमरे में घर का दूसरा कोई सदस्य जाए और हुआ भी यही। रोहित का नौकर ही पहले कमरे में गया और फिर उसने सबको यह बताया।
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