सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर खोलने के दिए निर्देश, जानिए क्या होता है इन सेंटर में
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को महिलाओं से योन शोषण के मामले में हर जिले में वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर (शिकायत निवारण केंद्र) बनाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि इन वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर में दुष्कर्म पीड़ितों को मेडिकल, कानूनी, सायकोलॉजिकल मदद एक ही छत के नीचे उपलब्ध होनी
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को महिलाओं से योन शोषण के मामले में हर जिले में वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर (शिकायत निवारण केंद्र) बनाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि इन वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर में दुष्कर्म पीड़ितों को मेडिकल, कानूनी, सायकोलॉजिकल मदद एक ही छत के नीचे उपलब्ध होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी क्राइसिस सेंटरों में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुरूप सभी नियमों का पालन करते हुए यौन शोषण संबंधी केसों की पीड़ितों को हर संभव मदद दी जानी चाहिए।
क्या होता है वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर? | वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की काउंसलिंग और कानूनी सलाह देने के लिए होता है। यह उन महिलाओं के लिए मददगार साबित होता जो ज्यादती, यौन हिंसा, एसिड अटैक, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की शिकार हैं। यहां अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ मौजूद होते हैं। इन सेंटरों पर मरीज के आते ही यहां का डॉक्टर उसे इलाज देते हैं। इसके बाद मनोविशेषज्ञ उसकी काउंसलिंग करते हैं, ताकि उसे प्रताड़ना के सदमे से बाहर लाने में मदद दी जा सके। इसके बाद कानूनी विशेषज्ञ पीड़िता को कानूनी सलाह देते हैं।
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