उत्तराखंड | SDRF जवान का कमाल, 13 साल बाद युवक को परिवार से मिलाया, जानिए पूरी कहानी

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उत्तराखंड | SDRF जवान का कमाल, 13 साल बाद युवक को परिवार से मिलाया, जानिए पूरी कहानी

उत्तरकाशी (उत्तराखंड पोस्ट) कहानी उत्तरकाशी आपदा के दौरान SDRF के जवान कुलदीप सिंह के साथ घटित उन्ही की जुबानी है। आपदा के दौरान जब SDRF टीम हिमाचल सीमांत गाँव किरानू आराकोट में रेस्कयू कार्य कर रही थी तभी दिनांक 21 अगस्त को SDRF जवान कुलदीप सिंह के सम्पर्क एक युवक आया, जो देख रहा था


उत्तराखंड | SDRF जवान का कमाल, 13 साल बाद युवक को परिवार से मिलाया, जानिए पूरी कहानी

उत्तरकाशी (उत्तराखंड पोस्ट) कहानी उत्तरकाशी आपदा के दौरान SDRF के जवान कुलदीप सिंह के साथ घटित उन्ही की जुबानी है। आपदा के दौरान जब SDRF टीम हिमाचल सीमांत गाँव किरानू आराकोट में रेस्कयू कार्य कर रही थी तभी दिनांक 21 अगस्त को SDRF जवान कुलदीप सिंह के सम्पर्क एक युवक आया, जो देख रहा था कि आपदा से पीड़ित प्रत्येक ग्रामीण इन्हें अपनी समस्या बता रहा है, ओर उनका निदान्त करने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है युवक शिवाजन को उम्मीद नजर आयी। युवक के आंखों में आंसू थे, मन मे आशाएं और जुवां में था मुझे अपने घर जाना है लेकिन कहां पता नही।

कुलदीप ने जब विस्तृत जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि आज से 13 वर्ष पूर्व वह युवक अपने इलाके के कुछ मजदूरों के साथ यहां आया था औऱ सेब की पेकिंग का काम करता था, एक दिन मजदूरों का मालिक से झगड़ा हो गया और वह 9 वर्ष के बच्चे को छोड़ रात को गांव से चले गए, युवक को अब अपने गांव, पिता का नाम इत्यादि कुछ भी स्पष्ट याद नही था यादों के सरोवर को कुरेदने से जानकारी मिली कि घर के पास ही बड़े बड़े हवाई जहाज उड़ा करते थे।

सम्भावनाओं के पथ पर कुलदीप सिंह ने बिहार के बड़े- बड़े एयरपोर्ट के नजदीकी गावों को इंटरनेट मेप पर खोजना शुरू किया और मेहनत रंग लाई। सफलता का रास्ता मेहनत की पगडंडियों से गुजरा ओर युवक के बताए गांव की तरह बतरजी की तरह ही बडेजी गांव गया एयरपोर्ट के करीब दिखाई दिया।

उत्तराखंड | SDRF जवान का कमाल, 13 साल बाद युवक को परिवार से मिलाया, जानिए पूरी कहानी

कुलदीप के द्वारा निकटवर्ती पुलिस थाने मगध मेडिकल में सम्पूर्ण वित्तान्त सुना, सहायता चाही किन्तु टालमटोल के बाद यह क्षेत्र अन्य पुलिस थाने की होने की बात कह टाल दी गयी। कुलदीप के द्वारा मुफासिल थाने में भी सम्पर्क किया किन्तु कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नही हुआ। जिस पर SDRF जवान के द्वारा गया SP सिटी को कॉल कर घटना से अवगत कराया।

मेहनत रंग लाई औऱ युवक शिवाजन के परिवार की जानकारी प्राप्त हो गयी, युवक की अपने परिवार से फोन पर बातें भी हुई। 13 साल के बनवास के बाद अपने परिवार से मिलने की खुशी में युवक SDRF उत्तराखण्ड पुलिस को लाखों दुवाओं से नवाज रहा है वहीँ युवक की मां फूलादेवी अपने बेटे से मिलने को आतुर है और देहरादून बेटे रोहित मांजी के साथ आ रही है।

आपको बता दें कि सेनानायक एसडीआरएफ ने SDRF जवान को इस मेहनत और जागरूकता पर शाबाशी दी और 2500 रुपये के नगद इनाम की घोषणा की है।

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