सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड सरकार को झटका, खारिज हो गई ये याचिका
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) सचिवालय सेवा संवर्ग में स्वीकृत अपर सचिव के दो पदों पर 10 हजार वेतनमान का लाभ देने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार की ओर से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। अमर उजाला की खबर के अनुसार पूर्व में शासन में सचिवालय सेवा संवर्ग से
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) सचिवालय सेवा संवर्ग में स्वीकृत अपर सचिव के दो पदों पर 10 हजार वेतनमान का लाभ देने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार की ओर से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
अमर उजाला की खबर के अनुसार पूर्व में शासन में सचिवालय सेवा संवर्ग से अपर सचिव 10 हजार ग्रेड वेतनमान के दो पद स्वीकृत थे। इसमें अपर सचिव पद पर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कार्मिक को वरिष्ठता के आधार पर यह वेतनमान दिया गया था।
वर्ष 2016 में किशन नाथ और रमेश चंद लोहमी को अपर सचिव ग्रेड वेतनमान का लाभ दिया है। इनके सेवानिवृत्त होने के बाद दोनों पद खाली चल रहे थे। अन्य कार्मिकों को वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया।
इस पर अर्जुन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आठ अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अर्जुन सिंह को नौ प्रतिशत ब्याज समेत वेतनमान का भुगतान करने के आदेश दिए थे।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए सचिवालय प्रशासन विभाग की ओर से कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर कैबिनेट ने मंजूरी दी। साथ ही भविष्य के लिए अपर सचिव ग्रेड वेतनमान पदों को निरस्त करने निर्णय लिया था।
सचिवालय संघ ने भी सरकार व शासन के इस फैसले का विरोध किया। इसके बावजूद भी सचिवालय प्रशासन विभाग ने हाईकोर्ट के आदेशों के विरुद्घ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सरकार ने अर्जुन सिंह को वर्ष 2016 से वेतनमान का लाभ दे दिया है।
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