हाईकोर्ट ने दिए उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष को पद से हटाने के आदेश, जानिए वजह

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हाईकोर्ट ने दिए उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष को पद से हटाने के आदेश, जानिए वजह

नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने उन्हें गांव की मतदाता सूची से नाम हटाकर शहर की सूची में नाम जुड़वाने को लेकर सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया है। आपको बता


नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने उन्हें गांव की मतदाता सूची से नाम हटाकर शहर की सूची में नाम जुड़वाने को लेकर सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया है।

आपको बता दें कि नौगांव प्रखंड के कंसेरू गांव निवासी जशोदा राणा ने वर्ष 2014 में जिला पंचायत का चुनाव लड़ा और जीतने के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी चुनी गई। उस दौरान उनका नाम कंसेरू गांव की मतदाता सूची में दर्ज था। बीते साल दिसंबर में हुए नगर निकाय चुनावों में उन्होंने बड़कोट पालिकाध्यक्ष पद पर भाजपा से दावेदारी की। वह पहले भी बड़कोट नगर पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। निकाय चुनाव से पहले उन्होंने बाकायदा कंसेरू की मतदाता सूची से अपना नाम हटाकर बड़कोट नगर में जोड़ने का आवेदन किया। प्रशासन ने कंसेरू से उनका नाम तो काटा, लेकिन बड़कोट में नहीं जोड़ा।

इसे लेकर वे हाईकोर्ट भी पहुंची, लेकिन इसी दौरान उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने देहरादून महानगर की मतदाता सूची में उनका नाम दर्ज होने के साक्ष्य हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए। इसके आधार पर उनका नाम बड़कोट में दर्ज नहीं हुआ और वे चुनाव लड़ने से वंचित रह गई।

अब कंसेरू गांव की मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं होने के आधार पर उनकी सदस्यता निरस्त करने के साथ ही अध्यक्ष पद से हटाने का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था, जिस पर हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने बीते माह पंचायतीराज निदेशालय को दो माह के भीतर निस्तारण करने के आदेश दिए थे। इस पर विरोधी पक्ष ने डबल बैंच में अपील की थी।

बुधवार को हाईकोर्ट की डबल बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए जशोदा राणा की जिला पंचायत सदस्यता रद्द करने के आदेश दिए हैं। वहीं जशोदा राणा का कहना है कि चुनाव लड़ना संवैधानिक अधिकार है। इसी के तहत उन्होंने कंसेरू से नाम हटाकर बड़कोट में जोड़ने के लिए आवेदन किया था। देहरादून की मतदाता सूची में विरोधियों ने साजिश के तहत उनका नाम दर्ज कराया। अब वहां से भी नाम हटाया जा चुका है।

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