शहीद राजेश ऋषि का पार्थिव शरीर देखते ही मां और पत्नी बेसुध, 12 दिसंबर को हुई थी शादी
शिमला (उत्तराखंड पोस्ट) हिमखंड गिरने से शहीद हुए राजेश ऋषि का पार्थिव शरीर रविवार को पैतृक गांव जगतपुर जोघों पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर देखते ही परिजन बिलख पड़े। परिजनों को आज सुबह तक राजेश के शहीद होने की सूचना नहीं दी गई थी। परिजनों को इसकी सूचना तब मिली जब तिरंगे में लिपटे उनके बेटे
शिमला (उत्तराखंड पोस्ट) हिमखंड गिरने से शहीद हुए राजेश ऋषि का पार्थिव शरीर रविवार को पैतृक गांव जगतपुर जोघों पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर देखते ही परिजन बिलख पड़े।
परिजनों को आज सुबह तक राजेश के शहीद होने की सूचना नहीं दी गई थी। परिजनों को इसकी सूचना तब मिली जब तिरंगे में लिपटे उनके बेटे के पार्थिव शरीर को घर पहुंचाया गया। शहीद की माता और पत्नी बेसुध हो गई।
राजेश ऋषि बीते 12 दिसंबर को ही परिणय सूत्र में बंधे थे।28 जनवरी को राजेश अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। दुल्हन के हाथों से अभी मेहंदी तक नहीं उतरी और अब उसका शहीद पति तिरंगे में लौट कर घर आया है शहीद का पूरे सैनिक और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
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