मौत के बाद भी राजनीति | रातों रात गायब हुई ‘शक्तिमान’ की मूर्ति

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मौत के बाद भी राजनीति | रातों रात गायब हुई ‘शक्तिमान’ की मूर्ति

उत्तराखंड की सियासत में भूचाल ला देने वाले पुलिस के घोड़े शक्तिमान की मूर्ति विधानसभा तिराहे से रातों रात गायब हो गई। जानकारी के अनुसार आज तड़के चार बजे शक्तिमान की मूर्ति को चौराहे से हटा लिया गया। इसके पीछे वजह इस मूर्ति पर हो रही राजनीति बताई जा रही है। गौरतलब है कि बीजेपी


विधानसभा तिराहे का मूर्ति लगी हुआ और मूर्ति हटाने के बाद की फोटो

उत्तराखंड की सियासत में भूचाल ला देने वाले पुलिस के घोड़े शक्तिमान की मूर्ति विधानसभा तिराहे से रातों रात गायब हो गई। जानकारी के अनुसार आज तड़के चार बजे शक्तिमान की मूर्ति को चौराहे से हटा लिया गया। इसके पीछे वजह इस मूर्ति पर हो रही राजनीति बताई जा रही है। गौरतलब है कि बीजेपी ने शक्तिमान की मूर्ति के नाम पर मुख्यमंत्री हरीश रावत पर राजनीति करने का आरोप लगाया था। बीजेपा का कहना था कि सरकार शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवार के लिए तो कुछ नहीं कर रही है लेकिन पुलिस के घोड़े शक्तिमान के नाम पर जनता का पैसा बहाकर इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।

एक दिन पहले हरीश रावत ने पुलिस लाइन में शक्तिमान की याद में बनाए गए पार्क और मूर्ति का अनावरण करने से इंकार कर दिया था। (पढ़ें- पढ़ें- ‘शक्तिमान’ पार्क के उद्घाटन से CM रावत ने क्यों किया इंकार ? )

शनिवार को लगाई थी मूर्ति | इससे पहले शनिवार को विधानसभा तिराहे पर शक्तिमान की मूर्ति लगाई गई थी और जल्द ही उसका अनावरण होना था। राज्य सरकार ने विधानसभा तिराहे का नाम भी शक्तिमान चौक रखने का ऐलान किया था। जिसके बाद से ही बीजेपी इसको लेकर हरीश रावत सरकार को घेर रही है। (पढ़ें- BJP को मुंह चिढ़ाएगी पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ की मूर्ति)

शक्तिमान के नाम पर पेट्रोल पंप और पार्क | शक्तिमान की याद में पुलिस लाइन में पार्क भी तैयार गया है और वहां भी इसकी छोटी मूर्ति लगाई गई है। इसके अलावा पुलिस लाइन स्थित पेट्रोल पंप को ‘शक्तिमान पुलिस फिलिंग स्टेशन’ नाम दिया गया है। यही नहीं, पुलिस लाइन के गेट नंबर दो और अस्तबल का नाम शक्तिमान के नाम पर ही रखा गया है।

20 अप्रैल को हुई थी मौत | गौरतलब है कि पुलिस का यह इंस्पेक्टर रैंक का घोडा शक्तिमान 14 मार्च को बीजेपी की सरकार विरोधी रैली के दौरान घायल हो गया था, काफी इलाज के बाद भी 20 अप्रैल को उसकी दुःखद मौत हो गई थी।

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