शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरु कराने की मांग

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शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरु कराने की मांग

सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने सरकार से देहरादून के शीशमबाड़ा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग प्लांट का काम तुरंत शुरू करवाने की मांग की है। नौटियाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा सॉलिड वेस्ट प्लांट का हाल ही में काम रोके जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला देहरादून शहर और जनपद के लोगों के


शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरु कराने की मांग

शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरु कराने की मांगसामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने सरकार से देहरादून के शीशमबाड़ा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग प्लांट का काम तुरंत शुरू करवाने की मांग की है। नौटियाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा सॉलिड वेस्ट प्लांट का हाल ही में काम रोके जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला देहरादून शहर और जनपद के लोगों के साथ अन्याय होगा I

अनूप ने कहा कि जनगणना के अनुसार देहरादून जनपद में लगभग 20 लाख की आबादी निवास कर रही है। नगर निगम के अर्तगत आने वाले घरों का कूड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की ओर से चलाई जा रही कंपनी दून वैली द्वारा  उठाया जा रहा है। लगभग हर रोज करीब 350 मीट्रिक टन कूड़ा देहरादून शहर से निकलता है। इस कूड़े के अलावा 42 ग्राम पंचायतों, गढ़ी और क्लेमनटाउन कैंट, विकासनगर आदि का कूड़ा भी शीशमबाड़ा के प्रोसेसिंग प्लांट में जाना है। सरकार के इस फैसले ने प्रस्तावित प्लान्ट को तो अधर में डाला ही है साथ ही देहरादून के लाखों लोगों की आबादी को भी नजर अंदाज कर दिया है।

अनूप ने सफाई कर्मचारियों, डोर टू डोर कूड़ा उठाने और वेस्ट टू एनर्जी के नये प्रयोगों के मुद्दों पर जोर डालने की पैरवी भी की। अनूप ने कहा की साफ सफाई के मुद्दे को पब्लिक हेल्थ के दृश्टिकोण से देखने और समझने की ज़रूरत है।  उन्होंने कहा की हर वर्ष डेंगू और अन्य मौसम संबंधित बीमारियों के प्रकोप से निजात पाने के लिए भी एक आधुनिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की आवश्यकता है जो की शीशमबाड़ा प्लांट कर सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई की मुख्यमंत्री इस संवेदनशील और लोगों से सीधा जुड़े हुए इस मुद्दे पर हामी भरेंगे।

अनूप ने यह भी कहा कि सहस्त्रधारा में भी इससे पूर्व ट्रंचिग ग्राउंड बनाए जाने का विरोध किया गया था। विरोध के बाद से ट्रंचिग ग्राउंड का मामला एनजीटी के पास जांच के लिए पड़ा है। सहस्त्रधारा के बाद शीशमबाड़ा मे  प्लान्ट के विरोध को देखते हुए सरकार अगर दूसरी जमीन तलाशती है तो इस प्रोजेक्ट को शुरू होने में सालों लग जाएंगे। सुप्रीम-कोर्ट के निर्देश के अनुसार ट्रंचिग ग्राउड को 16 दिसम्बर 2016 तक शीशमबाड़ा मे शिफ्ट होना था जो मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद अधर मे चला जाएगा। उन्होंने शीशमबाड़ा में प्लान्ट के काम को जल्द शुरू करने की मांग उठाई जिससे भविष्य में राजधानी में कूड़े के दबाव को कम किया जा सकेगा।

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