हमले से पहले पत्नी और परिवार से बात कर किया था ये वादा, थोड़ी देर में आ गई शहीद होने की खबर
वाराणसी (उत्तराखंड पोस्ट) पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 41 जवान शहीद हो गए। इस हमले से देश में मातम छा गया है। शहीदों के परिजनों का रो-रोकर बूरा हाल है। इस आतंकी हमले में वाराणसी के लाल रमेश यादव के शहीद हो गए। वहीं जब इस खबर उनके परिवार को चली तो कोहराम मच
वाराणसी (उत्तराखंड पोस्ट) पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 41 जवान शहीद हो गए। इस हमले से देश में मातम छा गया है। शहीदों के परिजनों का रो-रोकर बूरा हाल है।
इस आतंकी हमले में वाराणसी के लाल रमेश यादव के शहीद हो गए। वहीं जब इस खबर उनके परिवार को चली तो कोहराम मच गया। उनके गांव गम में डूब गया। जानकारी मिली कि इस हादसे से कुछ देर पहले रमेश ने पत्नी रेनू और परिजनों से फोन पर बात की थी। उन्होंने बताया कि वह जम्मू कैम्प से श्रीनगर जा रहे हैं और उन्होंने वहां पहुंचकर फिर बात करने का वादा किया था। लेकिन श्रीनगर जाते समय आतंकवादियों ने हमला किया और रमेश यादव शहीद हो गए।
फिर जब काफी देर बाद जब रमेश का फोन नहीं आया तो रेनू ने कई बार उन्हें फोन मिलाया लेकिन नहीं मिला। रात आठ बजे सीआरपीएफ हेड क्वार्टर से उनके शहीद होने की खबर मिली तो परिवार और रमेश का पूरा गांव गम में डूब गया। ग्रामीणों ने सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बताया गया कि तोहफापुर निवासी रमेश यादव दो दिन पहले ही एक महीने की छुट्टी पूरी करके जम्मू गए थे। रमेश के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद पत्नी रेनू रोते-रोते बेहोश हो गईं तो पिता श्याम नारायण यादव का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। श्यामनारायण यादव ने कहा कि उनका कमाने वाला बेटा शहीद हो गया, अब घर कैसे चलेगा। दो बेटों में छोटे रमेश का सेना में भर्ती होने का पढ़ाई के दिनों से जुनून था। 5 वर्ष पूर्व शहीद रमेश की शादी चंदौली की रहने वाली रेनू से हुई थी।
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