बिल गेट्स की सफलता की कहानी से प्रेरणा लें छात्र: राज्यपाल

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बिल गेट्स की सफलता की कहानी से प्रेरणा लें छात्र: राज्यपाल

उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने विद्यार्थियों का आह्वाहन करते हुए कहा कि जीवन में आने वाली चुनौंतियों का सामना करने के लिए स्वयं में जिम्मेदारी और आत्म-अनुशासन की भावना पैदा करें। शुक्रवार को देहरादून में, ‘प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन उत्तराखण्ड’ द्वारा विभिन्न जनपदों के 10वीं और 12वीं कक्षा के टापर्स/प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को


उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने विद्यार्थियों का आह्वाहन करते हुए कहा कि जीवन में आने वाली चुनौंतियों का सामना करने के लिए स्वयं में जिम्मेदारी और आत्म-अनुशासन की भावना पैदा करें।
शुक्रवार को देहरादून में, ‘प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन उत्तराखण्ड’ द्वारा विभिन्न जनपदों के 10वीं और 12वीं कक्षा के टापर्स/प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बड़े हो रहे छात्रों को अमेरिका के अद्भुत उद्यमी बिलगेट्स की सफलता की कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो स्कूली जीवन में ही कम्प्यूटर से जुड़ चुके थे। अपने विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने एक परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया था।
टापर्स विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा- ‘‘एक नागरिक के रूप में प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी उन जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक होना चाहिए जो संविधान में उल्लिखित है। भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव आगे आने को तैयार रहें। सामाजिक सद्भाव, आपसी भाई-चारे की भावना को प्रोत्साहित करने, भारत की संाझी संस्कृति और मूल्यों की समृद्ध विरासत के संरक्षण, प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और विकास, वैज्ञानिक सोच विकसित करने, मानवता तथा जिज्ञासा की भावना जागृत करने के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा तथा हिंसक गतिविधियों के दूर रहने के लिए व्यक्तिगत तथा सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सदैव उत्कृष्टता की दिशा में आगे बढ़ने के प्रयास करने होंगे।’’
अपने प्रेरक सम्बोधन में राज्यपाल ने यह भी कहा कि किसी विषय में अच्छे अंक प्राप्त करना पर्याप्त नहीं बल्कि उस विषय का गहन ज्ञान और समझ होना ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि वही ज्ञान और समझ जीवन में काम आयेगा।
उन्होंने कहा- ‘‘प्रतिस्पर्धा के इस युग में छात्रों में व्यावसायिक कौशल जरूरी है। प्रधानमंत्री ने पूरे देश में कौशल विकास पर जो दिया है। युवा और कुशल आबादी के बिना राष्ट्रनिर्माण संभव नहीं है।’’
राज्यपाल ने शिक्षकों से अपेक्षा की है कि वे छात्रों को भारतीय मूल्यों तथा संस्कृति की जड़ों से जोड़े रखें। छात्रों में जिज्ञासा की भावना जागृत करने, उनके बौद्धिक कौशल को बढ़ावा देकर उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करें। उन्होंने छात्रों में अच्छी पुस्तकों के अध्ययन की आदत डालने पर जोर देते हुए कहा -‘‘ अच्छी पुस्तकें पढ़ने से अच्छे विचार आते हैं, अच्छे विचारों से अच्छे शब्द, अच्छे शब्दांे से अच्छी गतिविधियाँ, अच्छी गतिविधियों से अच्छी आदतें, अच्छी आदतों से निर्मित चरित्र से व्यक्तित्व का विकास होता है।’’
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्यौगिकी के इस युग में शिक्षक एक मार्गदर्शक के रूप में छात्रों को उनकी रचनात्मकता को पोषित करने में मददगार हो सकता है। राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे अब्दुल कलाम के उन शब्दों का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा कि रचनात्मकता भविष्य की सफलता की चाबी है और यह रचात्मकता प्राइमरी एजूकेशन स्तर पर ही शिक्षक द्वारा बच्चों में लाई जा सकती है।

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