जागो सरकार | यहां रोज जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते हैं बच्चे

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Pauri-Garhwal

जागो सरकार | यहां रोज जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते हैं बच्चे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत गाड़-गदेरों की चिंता करने के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में विकास का पहिया पहुंचाने का दावा तो करते हैं लेकिन असल उत्तराखंड की तस्वीर कुछ और ही है। सरकार विकास का ढ़ोल पीटते नहीं थक रही है, लेकिन असल जिंदगी में रोज जूझते पौड़ी जिले के लोगों की कहानी कुछ


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत गाड़-गदेरों की चिंता करने के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में विकास का पहिया पहुंचाने का दावा तो करते हैं लेकिन असल उत्तराखंड की तस्वीर कुछ और ही है। सरकार विकास का ढ़ोल पीटते नहीं थक रही है, लेकिन असल जिंदगी में रोज जूझते पौड़ी जिले के लोगों की कहानी कुछ और ही बयां कर रही है।

पौड़ी जिले के श्रीनगर से 16 किलोमीटर दूर ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे  पर बागवान  के पास आज भी 14 गांवों के लोग नदी पर पुल ना होने के चलते अपनी जान को जोखिम में डालकर रस्सी में झूलती ट्राली के जरिए रोज नदी पार कर रहे हैं। क्या बच्चे, क्या बूढ़े हर किसी को नदी पार करने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालना पड़ता है। बच्चे रोज सुबह इसी तरह स्कूल जाते हैं तो ग्रामीण अपने काम –धंधे के लिए रोज अपनी जान से खेलते हैं।

दरअसल तीन साल पहले 16 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा में ग्रामीण क्षेत्र को बागवान से जोड़ने वाला अलकनंदा नदी पर बना यह पुल बह गया था। जिसके बाद से आज तक यह इलाका पुल की बाट जोह रहा है। कांग्रेस सरकार आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सुविधाएं मुहैया कराने का दावा तो करती है लेकिन आपदा के तीन साल बाद तक एक पुल का निर्माण कार्य पूरा ना हो पाना सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।

हालत ये है कि ट्राली के नट-बोल्ट तक टूट चुके हैं, जिसके चलते उफनती अलकनंदा नदी के ऊपर कई बार ये ट्राली बीच में रुक जाती है। लेकिन शासन-प्रशासन की नजर इन ग्रामीणों की दिक्कतों पर नहीं पड़ी।

पुल का निर्माण करवा रहे लोक निर्माण विभाग का कहना है कि पुल बनने में अभी एक साल का वक्त और लगेगा। मतलब एक साल तक अभी और 14 गांवों के हजारों लोगों को अपनी जान हथेली पर रखकर नदी को पार करना पड़ेगा।

आपदा राहत के नाम पर सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर चुकी है लेकिन इसके बाद भी उत्तराखंड के कई इलाकों में हालत कुछ इस तरह ही हैं। उम्मीद करते हैं कि ये तस्वीरें सरकार की नींद तोड़ेंगी और हालात में सुधार होगा।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे