मोदी की कोशिशों के चलते योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है: त्रिवेंद्र

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मोदी की कोशिशों के चलते योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है: त्रिवेंद्र

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ब्लॉग लिखा है। मुख्यमंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए देश ही नहीं, दुनियाभर के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। यह देखकर सुखद अनुभूति होती है कि


मोदी की कोशिशों के चलते योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है: त्रिवेंद्र

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ब्लॉग लिखा है। मुख्यमंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए देश ही नहीं, दुनियाभर के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

यह देखकर सुखद अनुभूति होती है कि हमारी प्राचीन सभ्यता और जीवन दर्शन का हिस्सा रहा योग आज वैश्विक शांति और कल्याण में अहम भूमिका निभा रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस बार योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम देवभूमि उत्तराखंड में हो रहा है। यह सुखद संयोग है कि योग की इस धरा में 50 हजार से ज्यादा लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सानिध्य में योग करने का मौका मिलेगा।

देवभूमि का योग से सदियों पुराना नाता है। ऋषिकेश तो आज भी योग की राजधानी के नाम से जाना जाता है। यहां दुनिया के कोने-कोने से लोग योग और आध्यात्म के लिए आते हैं। 60 के दशक में ऋषिकेश में प्रसिद्ध बीटल्स आश्रम की स्थापना के साथ योग को संगीत के जरिए एक नया मुकाम मिला और योग ऋषिकेश की वादियों से दुनियाभर में फैल गया। विश्व स्वास्थ्य संस्था द्वारा ऋषिकेश को विश्व योग केंद्र की संज्ञा दी गई।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के केंद्र में पर्यटन है। आध्यात्मिक और वेलनेस टूरिज्म हमारे कोर सेक्टर रहे हैं। ऐसे में देवभूमि को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी मिलना किसी वरदान से कम नहीं। देवभूमि से योग का संदेश दुनिया के कोने कोने में जाएगा तो यह विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में सहायक होगा। उत्तराखंड को योगभूमि के तौर पर पहचान मिलेगी। पर्यटन को बढ़ाने के मकसद से योग दिवस का आयोजन इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह सर्वविदित है कि भारतवर्ष ने ‘सर्वे भवंतु सुखिना, सर्वे संतु निरामया,’ का भाव दुनिया को दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी इसी भाव को चरितार्थ करते हुए योग के जरिए वैश्विक कल्याण के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की कल्पना की। योग ही एकमात्र ऐसा विकल्प है जो समस्त विश्व को एकसूत्र में बांध सकता है।

मोदी की कोशिशों के चलते योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है: त्रिवेंद्र

आज के दौर में अगर योग वैश्विक आकर्षण का केंद्र बना है तो इसका श्रेय निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जाता है। सितंबर, 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे 193 देशों ने अपना समर्थन दिया और 2015 से हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा। आम तौर पर संयुक्त राष्ट्र में किसी प्रस्ताव पर दुनिया के विभिन्न देश बंटे होते हैं, प्रधानमंत्री के आह्वान पर रिकॉर्ड समय में दुनिया के 193 देश योग दिवस मनाने के लिए एकजुट हुए।

मोदी की कोशिशों के चलते योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है: त्रिवेंद्र

प्रधानमंत्री जी की कोशिशों के चलते योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है। दुनियाभर में लोग योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग स्वयं से स्वयं को जोड़ने का साधन है। योग कोई धार्मिक कर्मकांड नहीं है यह मन और जीवन को स्वस्थ रखने की कला है। सरल शब्दों में कहें तो योग सही तरह से जीने का विज्ञान है। इसीलिए आज दुनिया योग के जरिए फिटनेस से वेलनेस और वेलनेस से हैप्पीनेस की तरफ बढ़ रही है।

योग आज जीवन जीने का जरिया तो है ही, एक बड़ा बाजार भी बन गया है। युवाओं के लिए योग करियर के रूप में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। योग के साथ ही आयुर्वेद और खादी जैसे देसी प्रोडक्ट्स का भी क्रेज बढ़ गया है। भारत में योग और आयुर्वेद से जुड़े प्रोडक्ट्स का बाजार 12 हजार करोड़ रुपये के करीब आंका जाता है। योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत के योग शिक्षकों की पूरी दुनिया में मान्यता बढ़ी है। भारत के कई राज्यों और दुनिया के कई देशों में स्कूली पाठ्यक्रम में योग को शामिल किया जा रहा है।

कॉरपोरेट सेक्टर में भी कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए योग इंस्ट्रक्टर की डिमांड बढ़ रही है। योगिक स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे विषय आज हमारे समाज में सम्मान से देखे जा रहे हैं। योग हिंदुस्तान की ऐसी सॉफ्ट पावर है जिसके आगे आज पूरी दुनिया नतमस्तक नजर आती है। योग से तन स्वस्थ रहेगा मन स्वस्थ रहेगा…जन-जन स्वस्थ रहेगा…तो संपूर्ण विश्व कल्याण के पथ पर आगे बढ़ता जाएगा।

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