उत्तराखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता, दो हार्डकोर माओवादी गिरफ्तार

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उत्तराखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता, दो हार्डकोर माओवादी गिरफ्तार

ऊधमसिंहनगर (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) विगत वर्षो में देश के लिए खतरा बन चुके माओवाद के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए उत्तराखंड में पिछले कई सालों से माओवाद को धार देने में लगे दो माओवादियों को गिरफ्तार करने में ऊधमसिंहनगर पुलिस ने कामयाबी हासिल की है। जानकारी के अनुसार बीती शाम क्षेत्राधिकारी सितारगंज हिमांशु शाह के नेतृत्व में


ऊधमसिंहनगर (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो)  विगत वर्षो में देश के लिए खतरा बन चुके माओवाद के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए उत्तराखंड में पिछले कई सालों से माओवाद को धार देने में लगे दो माओवादियों को गिरफ्तार करने में ऊधमसिंहनगर पुलिस ने कामयाबी हासिल की है।

जानकारी के अनुसार बीती शाम क्षेत्राधिकारी सितारगंज हिमांशु शाह के नेतृत्व में किच्छा व नानकमत्ता पुलिस द्वारा चलाये गये संयुक्त आपरेशन में किच्छा थाना क्षेत्र के आनन्दपुर मोड़ से रमेश भट्ट उर्फ मनीष मास्टर उर्फ दिवाकर भट्ट़, निवासी ग्राम दुमका बंगर हल्दूचैड़, लालकुंआ, नैनीताल और मनोज कुमार सिंह उर्फ अरविन्द पुत्र रतन सिंह नि ग्राम हल्दुआ थाना सैयद रजा जिला चन्दौली, उ.प्र. को गिफ्तार किया है।

पकड़े गए माओवादी हार्डकोर किस्म के हैं जो माओवाद की गम्भीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने उनके पास से प्रतिबंधित माओवादी साहित्य, पुस्तकें और पैम्फलेट भी बरामद किये हैं। रमेश पर पूर्व में दर्ज दो घटनाओं को लेकर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित है।

पूछताछ में दोनों ने वर्ष 2004 के दौरान नैनीताल जनपद के चोरगलिया थाना क्षेत्र में लगे माओवादी कैंप में क्षेत्रीय जनता को बरगलाने की बात कबूल की। पुलिस की दबिश के उपरान्त बच निकलने में कामयाब रहे। कैम्प के संचालन के उपरान्त इनके द्वारा वर्ष 2005 में बिहार के मधुबनी में हुए ऑपरेशन धमाका में 300 माओवादियों ने विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर माओवादी हमले को अंजाम दिया था। जिसमें भारी जान-माल का नुकसान हुआ था।

उक्त वारदात में शामिल कुल 300 माओवादियों में पकड़े गए दोनों माओवादियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और बिहार में पुलिस की पकड़ से बचने के लिए दोनों उत्तराखंड में छिपकर यहां खास तौर पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों मैं पेंठ बनाकर माओवाद की जड़े मजबूत करने में लगे हुए थे। दोनों माओवादी उत्तराखंड जोनल कमेटी के सक्रिय सदस्य रहे हैं। दोनों ही उत्तरप्रदेश के बलिया, फर्रुख्खाबाद आदि स्थानों पर समय-समय पर उत्तराखंड जोनल कमेटी की मीटिंग आयोजित करते रहे हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह उत्तराखंड में औद्योगिक अशांति को भड़काने के लिए काफी दिनों से प्रयास कर रहे थे।

पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा माओवादियों को पकड़ने में शामिल पुलिस टीम को 10 हजार के नकद इनाम की घोषणा की है।

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