अच्छी खबर | अब राज्य सरकार उठाएगी लाइलाज बीमारी का पूरा खर्च

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अच्छी खबर | अब राज्य सरकार उठाएगी लाइलाज बीमारी का पूरा खर्च

उत्तराखंड में लाइलाज बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए राहत की खबर है। उत्तराखंड सरकार ऐसे मरीजों का इलाज अपने खर्च पर कराएगी। सरकार ने इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय में अलग सेल बनाने का निर्णय लिया है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost राज्य में बड़ी संख्या


उत्तराखंड में लाइलाज बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए राहत की खबर है। उत्तराखंड सरकार ऐसे मरीजों का इलाज अपने खर्च पर कराएगी। सरकार ने इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय में अलग सेल बनाने का निर्णय लिया है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost

राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज हैं जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनमें से तमाम मरीज ऐसे हैं जिन्हें ठीक तो नहीं किया जा सकता लेकिन जीवन रक्षक और दर्दनिवारक दवाइयों के सहारे इनकी पीड़ा को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। अभी तक परेशानी यह है कि ये जीवन रक्षक और दर्दनिवारक दवाओं के लिए अलग लाइसेंस की बाध्यता है। साथ ही यह खासी महंगी भी हैं। इस वजह से ये दवाएं आसानी से और स्थानीय बाजारों में भी उपलब्ध नहीं होतीं। इससे मरीजों के साथ ही उनके तीमारदारों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस समस्या को देखते हुए अब राज्य सरकार ने ऐसे मरीजों का इलाज खुद अपने खर्च पर कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य निदेशालय में गुरुवार को हुई बैठक में इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) से ऐसे रोगियों को खासतौर पर राहत मिलेगी जिन्हें अपनों ने भी ठुकरा दिया है। सरकार ऐसे सभी मरीजों को एमएसबीवाई कार्ड के दायरे में लाएगी और प्राइवेट अस्पतालों में भी उन्हें निशुल्क इलाज दिया जाएगा। लाइलाज बीमारियों की दवाई की व्यवस्था ड्रग कंट्रोलर करेंगे। इससे लोगों को भटकना नही पड़ेगा।

डीजी हेल्थ डॉ. डीएस रावत ने बताया कि लाइलाज मरीजों का इलाज सरकारी खर्च पर कराने की योजना का खाका तैयार कर लिया गया है। पूरे राज्य में यह योजना जल्द ही लागू कर दी जाएगी। ऐसे सभी मरीजों को एमएसबीवाई के दायरे में लाकर प्राइवेट अस्पतालों में भी उनका निशुल्क इलाज कराया जाएगा।

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