मौत की सेल्फी | ओलंपिक का सपना लापरवाही में डूबा

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मौत की सेल्फी | ओलंपिक का सपना लापरवाही में डूबा

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) रीजनल सेंटर गोरागांव में उत्तराखंड की महिला एथलीट पूजा कुमारी की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर से बाहर गोरागांव में बसे साई सेंटर की सबसे बड़ी खामी यहां एम्बुलेंस का न होना है। जबकि वर्तमान में साई सेंटर में 285 खिलाड़ी विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण ले रहे


भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) रीजनल सेंटर गोरागांव में उत्तराखंड की महिला एथलीट पूजा कुमारी की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर से बाहर गोरागांव में बसे साई सेंटर की सबसे बड़ी खामी यहां एम्बुलेंस का न होना है। जबकि वर्तमान में साई सेंटर में 285 खिलाड़ी विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण ले रहे हैं और वे यहीं रहते भी हैं। इन खिलाड़ियों के लिए सेंटर में कोई मेडिकल भी सुविधा नहीं है। पूजा के मौत के वक्त साई की गाड़ियां तो थीं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए कोई ड्राइवर भी वहां मौजूद नहीं था। ऐसे में स्टाफ के लोग ही अपनी गाड़ी से पूजा को लेकर अस्पताल पहुंचे थे।

शनिवार को हुए हादसे में स्टीपल चेज की एथलीट पूजा कुमारी (20) की वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए बने तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। पूजा उस समय अपनी दो साथियों नेहा और प्रीति के साथ तालाब में फोटो खिंचवाने गई थी। पूजा के साथ हादसे के समय मौजूद दोनों महिला खिलाड़ियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सेंटर में मेडिकल की कोई व्यवस्था नहीं होने को बड़ी खामी बताया है।

ऐसे हुई थी घटना | साई सेंटर का वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बना ताबाल तिकोना है। इसके चारों ओर पाइप की लगभग तीन फीट ऊंची फेंसिंग है। पूजा इस फेंसिंग को लांघकर पानी के किनारे फोटो खिंचवा रही थी। उसने तालाब के पानी को हाथ में उठाया और उछालकर खड़ी हो गई। खड़े होकर दोनों हाथ हवा में खोल दिए। यहां स्लोप बना हुआ है और बारिश के कारण काफी काई भी है। जैसे ही पूजा खड़ी हुई काई पर से फिसल गई और गहरे पानी में गिर गई। काई के कारण वह गहरे पानी में चली गई और समय पर मदद नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई।

साई का जांच से इंकार | वहीं घटना के बाद साईं रीजनल सेंटर की प्रभारी मीना बोरा ने कहा कि घटना की कोई जांच साई की ओर से नहीं की जाएगी। पुलिस जांच कर रही है, इसलिए इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। पूजा के परिजनों को पॉलिसी के तहत जो भी आर्थिक मदद मिलना चाहिए वह दी जाएगी।

ओलंपिक का सपना लापरवाही में डूबा |  पूजा का सपना 2020 के ओलंपिक में दे का प्रतिनिधित्व करना था। अपने सपने को साकार करने के लिए वह कड़ी मेहनत में जुटी थी। बीजी 18 जुलाई को दिल्ली में सीआऱपीएफ में कांस्टेबल बनने के लिए फिजिकल और मेडिकल टेस्ट देकर आई थी। वहां उसका चयन भी हो गया था। वह दिसंबर में ज्वाइनिंग की तैयारी कर रही थी।

सवाल जो उठ रहे हैं

  • एथलीट तालाब की तरफ गई तो उन्हें क्यों नहीं रोका गया?
  • जब लड़कियों ने मदद के लिए आवाज लगाई तो मदद देरी से क्यों मिली?
  • अस्पताल की दूरी साई सेंटर से लगभग 8 किमी है, जबकि रास्ते में आधा दर्जन बड़े अस्पताल है। फिर क्यों चिरायु अस्पताल ही चुना गया?
  • साई सेंटर में सैकड़ों खिलाड़ी और कोचेज हैं, लेकिन मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है। इसके कोई इंतजाम क्यों नहीं?
  • साई सेंटर मामले की जांच के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठा रहा?

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