चुनावी मौसम में लुभावने फैसले, अतिथि शिक्षकों पर मेहरबानी
चुनावी मौसम में हरीश रावत कैबिनेट ने चुनावी नैया पार लगाने के लिए लुभावने फैसले लिए। रावत कैबिनेट ने अतिथि शिक्षकों के साथ ही शिक्षा आचार्यो के पक्ष में अहम फैसले लिए। लंबे समय से आंदलनरत और हाईकोर्ट के कोप का भाजन बने अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए रावत कैबिनेट ने फैसला किया
चुनावी मौसम में हरीश रावत कैबिनेट ने चुनावी नैया पार लगाने के लिए लुभावने फैसले लिए। रावत कैबिनेट ने अतिथि शिक्षकों के साथ ही शिक्षा आचार्यो के पक्ष में अहम फैसले लिए।
लंबे समय से आंदलनरत और हाईकोर्ट के कोप का भाजन बने अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए रावत कैबिनेट ने फैसला किया कि अतिथि शिक्षकों को अल्प सेवा में आने का मौका मिलेगा, इसके लिए गेस्ट टीचर्स का कार्य और छात्रों का परफार्मेंस बनेगा अवसर। साथ ही अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर नियमित किया जाएगा। बैठक में कैबिनेट ने गेस्ट टीचर्स को ना हटाए जाने की बात भी कही।
अतिथि शिक्षकों पर कैबिनेट ने निर्णय लिया कि उनकी संविदा सेवा अल्पकालिक होगी और अलपकालिक सेवा का समय 3 से 5 साल होगा। इसमें हर साल भर्ती होगी लेकिन अतिथि शिक्षकों को कम से कम तीन साल काम करना होगा और इस दौरान इन्हें संविदा वेतन मिलेगा।
वहीं हरीश रावत कैबिनेट ने शिक्षा आचार्यो को शिक्षा मित्र बनाये जाने के लिए अपनी सहमति दे दी है लेकिन इसके लिए लीगल फार्मेल्टी के लिए केंद्र से अनुमति ली जाएगी।
वहीं कैबिनेट ने भोजन माताओ को एक हजार रूपये वर्दी भत्ता देने पर भी मुहर लगा दी है।
कैबिनेट ने जमीदारी उन्मूलन में भी संशोधन करने का फैसला लिया है।
साथ ही कैबिनेट ने अवैध कब्जों का चिन्हीकरण करने का भी फैसला लिया है। दस सालों में उन्हें नियमितीकरण की कार्यवाही की जायेगी। इसके दायरे मे कृषि भूमि और आवासीय भूमि आएगी।
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