उत्तराखंड में रोजगार का जरिया बनेगा बांस और रेशा

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उत्तराखंड में रोजगार का जरिया बनेगा बांस और रेशा

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद की बैठक हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि उत्तराखंड के बांस और रेशे की बाजार में भारी मांग है। परिषद मॉडर्न टेक्नोलॉजी और प्रोफेशनलिज्म अपनाकर स्थानीय लोगों को आमदनी का जरिया मुहैया करा सकता है। इसका


देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो]  मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद की बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि उत्तराखंड के बांस और रेशे की बाजार में भारी मांग है। परिषद मॉडर्न टेक्नोलॉजी और प्रोफेशनलिज्म अपनाकर स्थानीय लोगों को आमदनी का जरिया मुहैया करा सकता है। इसका इस्तेमाल पाॅली हाउस निर्माण, इको डस्टबिन, स्कूलों के फर्नीचर, शहरों के आश्रय स्थल, पर्यटकों के लिए बम्बू हाउस में किया जा सकता है।
बैठक में बताया गया कि बांस एवं रेशा विकास परिषद में 50 लाख मानव दिवसों का सृजन कर रोजगार उपलब्ध कराया है। 707 गांव के 36659 लोगों को अभियान चलाकर जागरुक किया है। 17 केंद्रीकृत पौधशालाओं, 03 महिला पौधशालाओं के माध्यम से 12000 हेक्टेयर में बांस व रिंगाल, 180 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नेटल रोपण का कार्य किया गया। 62 महिला स्वयं सहायता समूह के 677 सदस्यों, 7 सहकारिता के 243 सदस्यों के माध्यम से बांस और रेशा विकास किया जा रहा है। परिषद ने 90 हट्ज भी बनाए हैं।
बैठक में महानिदेशक यूकास्ट राजेंद्र डोभाल, एमडी वन विकास निगम एसपीएस लेप्चा, मुख्य वन संरक्षक शिवालिक भुवनचंद्र, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बांस एवं रेशा विकास परिषद शशि कुमार दत्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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