100 दिन बाद अब युवाओं से जानेगी सरकार, कैसे होगा राज्य का विकास ?

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100 दिन बाद अब युवाओं से जानेगी सरकार, कैसे होगा राज्य का विकास ?

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास न्यू कैन्ट रोड स्थित जनता मिलन हॉल में उत्तराखंड सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर आयोजित मंथन गोष्ठी ‘उत्तराखंड: भविष्य की दिशाएं‘ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप


देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास न्यू कैन्ट रोड स्थित जनता मिलन हॉल में उत्तराखंड सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर आयोजित मंथन गोष्ठी ‘उत्तराखंड: भविष्य की दिशाएं‘ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम में, आने वाले भविष्य ने ही भविष्य को सुधारने के लिये अपने सुझाव दिये। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राज्य के नौजवानों द्वारा जिस प्रकार से अपने विचार रखे गए एवं सुझाव दिये गए, ये राज्य के विकास के लिए मार्गदर्शक साबित होंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि अब से इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन प्रत्येक तीन माह में किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिन प्रतिभागियों ने आज इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया है, इनका एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, इस वॉट्सएप ग्रुप में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। इस ग्रुप के द्वारा हमें भविष्य में जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उनके क्रियान्वयन के प्रयास किये जाएंगे।

गौरतलब है कि इस विचार गोष्ठी में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून ने अपनी प्रस्तुती के द्वारा सुझाव दिये कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिये क्या-क्या किया जा सकता है, दूर-दराज के क्षेत्रों में किस प्रकार से स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध करायी जा सकती हैं।

राजकीय नर्सिंग कॉलेज, देहरादून द्वारा ’जन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतिपादन’ दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टॉफ व उपकरणों की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया। पी.एच.सी. एवं सी.एस.सी. को शहर के मेडिकल कॉलेजों के साथ आईटी एवं टेलीमेडिसिन आदि के साथ जोड़ा जा सकता है। नर्सिंग सेवा में गुणवत्ता प्रदान करने के लिए नर्सेज भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा आयोजित किया जाना अति आवश्यक है।

डी.ए.वी.(पी.जी.) कॉलेज, देहरादून द्वारा प्रस्तुती में बताया गया कि प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार के लिए उचित व्यवहार एवं संस्कार की शिक्षा को स्थान दिया जाए। महत्वपूर्ण शिक्षा के स्तर को प्राप्त करना पाठ्यक्रम को क्रियाशील एवं सृजनात्मक होना चाहिए, साथ ही नकदी रहित अर्थव्यवस्था उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में नकदी रहित अर्थव्यवस्था के विस्तार चुनौतियों प्रशिक्षण एवं जागरूकता प्रोत्साहन एवं कार्यान्वयन हेतु संभावनाओं एवं सुझाव पर विचार मंथन किया गया है।

टी.एच.डी.सी. (आई.एच.टी.) नई टिहरी द्वारा विभिन्न विभागों में डिजिटलीकरण की सहायता से कुशल प्रबंधन पर सुझाव दिये। जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी, द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया कि स्किल इंडिया प्रोग्राम के उत्तराखंड में रोजगार के नए अवसर किस प्रकार से प्रदान करना है। कार्यक्रम में बताया गया कि जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज अपने आस-पास के गांव के युवाओं को अपने ही गांव में तकनीकी प्रशिक्षण देकर गांव में ही रहकर व्यापार, उद्योग के नए अवसर प्रदान कर रहा है।

महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यू.आई.टी.) द्वारा बताया गया कि बेटियों के देश में घटते शिक्षा स्तर तथा बेटों के प्रति बढ़ते लिंगानुपात को एक गंभीर समस्या के रूप में लेते लिंगानुपात को कम करना तथा बेटियों को शिक्षित कर स्वाभिलम्बी तथा आत्मनिर्भर बनाना है। श्री गुरु राम राय (पी.जी.) कॉलेज भंडारी बाग देहरादून द्वारा ’जैव विविधता के संरक्षण पोषण एवं उपयोग’ पर प्रस्तुती के द्वारा बताया गया कि जैव विविधता संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है। कुकरेजा इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट देहरादून द्वारा ’प्रोमोशन ऑफ टूरिज्म इन उत्तराखंड’ विभिन्न प्रकार के पर्यटनों की रूपरेखा का जिक्र किया गया। प्रस्तुती के दौरान बताया गया कि पर्यटन को कैसे विकसित किया जा सकता है।

महादेवी कन्या पाठशाला, देहरादून द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया कि ’स्वच्छ भारत अभियान’ के अंतर्गत हर परिवार को शौचालय सहित स्वच्छता सुविधा उपलब्ध कराना है। यह भी सुझाव दिये गए कि किस प्रकार से गांव में सफाई और सुरक्षित तथा पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला सुशासन तात्पर्य को समझाते हुए सुझाव दिये गए कि पर्यटन क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में, बिजली, पानी, रोजगार, गरीबों की निवास व्यवस्था के अन्तर्गत बिजली पानी, शौचालय आदि की किस प्रकार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों एवं प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर चयनित होने वाले टीमों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। साथ ही प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाली टीमों को प्रथम पुरस्कार रु0 45 हजार, द्वितीय पुरस्कार रु0 30 हजार एवं तृतीय पुरस्कार रु0 15 हजार दिया गया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, अरविन्द पाण्डे, मदन कौशिक, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत एवं विधायक मुकेश कोहली, मुख्य सचिव एस. रामास्वामी एवं अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश उपस्थित थे।

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