शिक्षिका प्रकरण | नरम पड़े मुख्यमंत्री रावत, शिक्षा मंत्री को दिए ये निर्देश

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शिक्षिका प्रकरण | नरम पड़े मुख्यमंत्री रावत, शिक्षा मंत्री को दिए ये निर्देश

पौड़ी (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) शिक्षिक प्रकरण में शिक्षा मंत्री अरविंद पांड़े ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए पूरे मामले को शांत करने की कोशिश की है। शिक्षा मंत्री ने बयान जारी करते हुए कहा कि जिस दिन यह घटना घटित हुई उसी दिन मुख्यमंत्री के द्वारा उन्हे फोन कर मामले के निस्तारण के लिए अधिकृत किया गया


शिक्षिका प्रकरण | नरम पड़े मुख्यमंत्री रावत, शिक्षा मंत्री को दिए ये निर्देश

पौड़ी (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) शिक्षिक प्रकरण में शिक्षा मंत्री अरविंद पांड़े ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए पूरे मामले को शांत करने की कोशिश की है। शिक्षा मंत्री ने बयान जारी करते हुए कहा कि जिस दिन यह घटना घटित हुई उसी दिन मुख्यमंत्री के द्वारा उन्हे फोन कर मामले के निस्तारण के लिए अधिकृत किया गया लेकिन पारिवारिक कारणों से प्रदेश से बाहर होने के कारण शिक्षा मंत्री इसका समाधान अभी तक नहीं कर पाए है. जिसका उन्हे अत्यन्त खेद हैै।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह जल्द से जल्द देहरादून पहुंचकर बहन उत्तरा से बात कर मामले का समाधान प्राथमिकता के तौर पर कोशिश करेंगे। शिक्षा मंत्री ने उत्तराखण्ड की समस्त जनता से अपील है कि करते हैं कि वह कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के बहकावे में न आयें और झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें। अरविंद पांड़े ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि प्रकरण का निस्तारण न्यायोचित होगा।

उन्होंने आगे कहा कि उत्तरा बहन जिस न्याय को पाने की अधिकारी हैं, उसके साथ वह न्याय होगा। लेकिन प्रदेश की आम जनता से और खासतौर पर जो लोग मुख्य़मंत्री जी का विरोध कर रहे है, मेरा उनसे से एक ही सवाल है कि क्या पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को अध्यापक नहीं मिलने चाहिए? आज उत्तराखण्ड प्रदेश को बने हुए 18 वर्ष हो गये हैं लेकिन उत्तराखण्ड का शिक्षा विभाग मात्र स्थानान्तरण, पोस्टिग, अटैचमेन्ट तथा सुगम एवं दुर्गम का विभाग बनकर रह गया है।

उत्तराखण्ड के गरीब बच्चे, जो पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में रहते हैं, उनकी शिक्षा के लिए समय पर अच्छे अध्यापक, पौष्टिक भोजन मिले इस बात की चिंता कांंग्रेस द्वारा कभी नहीं की गई। शिक्षा विभाग में उत्तरा जैसी एक हजार उत्तरायें होंगी जिनको सही न्याय नहीं मिल पाया है।

वर्तमान में मुख्यमंत्री जी के नेतत्व में जो सरकार काम कर रही है उसका उद्देश्य उन सभी उत्तराओं को प्राथमिकता के आधार पर सही न्याय दिलाना है तथा मुख्यमंत्री इसी दिशा में काम कर रहे हैं। मैं प्रदेश की जनता से अपील करना चाहता हूं कि जिन कल्पनाओं को लेकर राज्य का निर्माण किया गया है मुख्यमंत्री  एवं उनकी सरकार उसी दिशा में कार्य कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा यह कभी नहीं सोचा गया कि सूदूर पर्वतीय क्षेत्रों में पढ़ रहे बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जाए और न हीं वहां अच्छे अध्यापकों को नियुक्त करने पर विचार किया गया। उनकी प्रवृत्ति सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की रही है जो हमेशा पहाड़ के विरोध में रहे हैं जिससे गलत लोगों को तथा उनके चहेते लोगों को संरक्षण मिले और दूरस्थ दुर्गम क्षेत्रों के बच्चे शिक्षक विहीन हो जाये।

शिक्षा मंत्री ने अपील करते हुए कहा कि राज्य की जनता कांग्रेस से पूछे कि क्या उनके द्वारा यह रणनीति बनाई जा रही है कि सूदूर दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित विद्यालयों में पढ़ रहे गरीब बच्चे हमेशा अध्यापक विहीन रहें? कांग्रेस द्वारा स्थानान्तरण को हमेशा उद्योग का रूप दिया गया है तथा कांग्रेस सरकार द्वारा अपने शासनकाल में कभी भी शिक्षकों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की समस्त जनता से यह अपील करता हूं कि आप भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी के उन नेताओं से यह पूछेंगे जो आज बहन उत्तरा के समर्थन में खड़े हैं और हमारी सरकार का विरोध कर रहे हैं कि वर्ष 2016 में बहन उतरा के खिलाफ जारी किया गया सेवा समाप्ति नोटिस न्यायोचित था और इस नोटिस की आवश्यकता क्यों पड़ी तथा उसी समय बहन उतरा के प्रकरण को कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार द्वारा निस्तारित क्याों नहीं किया गया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को न्याय/लाभ देने के लिए ही स्थानान्तरण एक्ट लागू किया गया है जिससे सभी को एक समान लाभ प्राप्त होगा तथा किसी भी कार्मिक के साथ अन्याय नहीं होगा।

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