सरकार सस्टेनेबल व दूरगामी सोच के साथ काम कर रही है: मुख्यमंत्री

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सरकार सस्टेनेबल व दूरगामी सोच के साथ काम कर रही है: मुख्यमंत्री

मसूरी (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को देहरादून के विधानसभा क्षेत्र मसूरी में 237.58 लाख रूपये की लागत से बनने वाले गढ़ी कैन्ट-वीरपुर-घंघोड़ा मोटर मार्ग के किमी0 1.00 में वीरपुर पोस्ट के समीप टान्स नदी पर 32 मी0 स्पान डबल लेन सेतु व 172.22 लाख रूपये की लागत से बनने वाले गढ़ी-डाकरा


मसूरी (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को देहरादून के विधानसभा क्षेत्र मसूरी में 237.58 लाख रूपये की लागत से बनने वाले गढ़ी कैन्ट-वीरपुर-घंघोड़ा मोटर मार्ग के किमी0 1.00 में वीरपुर पोस्ट के समीप टान्स नदी पर 32 मी0 स्पान डबल लेन सेतु व 172.22 लाख रूपये की लागत से बनने वाले गढ़ी-डाकरा (कैन्ट क्षेत्र) में राइजिंग मैन, टयूबवैल एवं पम्प हाउस निर्माण कार्यो का शिलान्यास किया।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने क्षेत्र में ओवरहैड टैंक बनवाने के प्रस्ताव पर शीघ्र विचार करने पर सहमति दी। क्षेत्र में संथला देवी मन्दिर के सौन्द्रयीकरण व मार्गो की मरम्मत का कार्य भी आगामी फरवरी तक पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कैन्ट छावनी की समस्याओं के जल्द समाधान हेतु रक्षा मंत्रालय से बात की जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार सस्टेनेबल व दूरगामी सोच के साथ काम कर रही है। बढ़ते जनसंख्या दबाव में शहरों में पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए दीर्घकालीन उपायों पर काम किया जा रहा है। 1100 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली सौंग बाध परियोजना 2053 तक 35 वर्षो  के लिए पूरे देहरादून जिले को चैबीस घण्टे पानी उपलब्ध करवाएगी। इससे 100 करोड़ रूपये का बिजली का खर्च बचेगा। इस साढे़ चार किलोमीटर लम्बी व 128 मीटर ऊंची झील पर व आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन भी विकसित होगा।यह बांध व झील पर्यटन आकर्षण का नया केन्द्र बनेगा। स्थानीय लोगों को अच्छे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

भारत सरकार के स्तर पर इसकी सराहना की गई है कि यह देश के लिए एक माडल परियोजना हैं। अन्य राज्य भी इसे अपनाएगें। सौंग बांध निर्माण में ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जिसके तहत बरसात के दिनो को छोड़कर इसमें निरन्तर काम चलेगा व रिकार्ड 350 दिनों में इसे पूरा किया जाएगा। सौंग परियोजना द्वारा रायपुर क्षेत्र तक ग्रेविटी बेस्ट पानी की आपूर्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम दीर्घकालीन व सस्टेनेबल समाधान की ओर बढ़ रहे है। सौंग बांध की तरह ही  देहरादून के मलढुंग में भी इस तरह की एक और परियोजना बनाई जाएगी। इसके साथ ही सूर्यधार परियोजना की टेन्डर प्रक्रिया हो चुकी है।

इसके तहत 43 गांवों में ग्रेविटी बेस्ड पानी की आपूर्ति की जाएगी व 7 करोड़ रूपये की बिजली की बचत होगी। किसानों को बारह महीने पानी मिलेगा। बिजली खर्च में बचत से हम सस्ती बिजली भी लोगो व किसानों तक पहुचा पाएगे। आने वाले समय में पूरे देहरादून जिले की 60 प्रतिशत आबादी को ग्रेविटी बेस्ड पानी मिलेगा।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार दूरगामी सोच के साथ  रिस्पना व अन्य नदियों के पुनर्जीवीकरण व वृक्षारोपण का कार्य कर रही है ताकि आने वाली पीढ़ियों को पर्याप्त पानी मिल सके। हम सस्टेनेबल सोच के साथ काम कर रहे है।

जल्द ही शुरू होने वाली गैस पाइप लाइन योजना पूरे देहरादून के लिए है तथा हमारी योजना है कि आने वाले 10-12 सालों में पूरे राज्य के दूरस्थ गांवों तक यह गैस पाइप लाइन योजना पहुंचे। इससे हमारे गैस के खर्च में 20 प्रतिशत गिरावट होगी।गैस के परिवहन में लगने वाली ऊर्जा की भी बचत होगी। प्रदूषण कम होगा व पर्यावरण की चिन्ता कम होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रयास है कि 2030 तक डीजल-पेट्रोल के वाहनों को प्रचलन से बाहर किया जाए। अतः भारत सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों के शुल्क को भी माफ कर दिया है। प्रधानमंत्री की सोच है कि यदि देश को स्वस्थ और मजबूत बनाना है तो पर्यावरण संरक्षित व शुद्ध होना चाहिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह सरकार आपकी अपनी सरकार है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में साठ से अधिक लोग जिनमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है भ्रष्ट्राचार के मामलों में जेल में जा चुके है। यह हमारी मुहिम व रोजमर्रे की जिम्मेदारी है कि हम राज्य में भ्रष्ट्राचार को न पनपने दे। राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, जो साधन है उसमें हम काफी कुछ कर सकते है। लेकिन हमने अनुभव किया कि काफी कुछ भ्रष्ट्राचारियों की जेब में चला जाता है। भ्रष्ट्राचार को रोकने की जिम्मेदारी जनता ने हमें दी है उस पर हम लगातार काम कर रहे है।इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी तथा सीईओ कैन्ट छावनी जाकिर हुसैन उपस्थित थे।

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