ऐसे स्वस्थ बनेंगे उत्तराखंड में कुपोषित बच्चे

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ऐसे स्वस्थ बनेंगे उत्तराखंड में कुपोषित बच्चे

नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी से भेंट की। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं( मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से राज्यहित


नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री  मेनका संजय गांधी से भेंट की।

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मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से राज्यहित से सम्बन्धित मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य के आंगनवाडी केन्द्रों में 3 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में कुपोषण एवं रक्तल्पता की कमी को रोकने के लिये आर0यू0टी0एफ0(READY-TO-USE THERAPEUTIC FOOD) के पैकेट को परीक्षण के रूप में प्रयोग किया जाने का अनुरोध किया।

मेनका संजय गांधी ने कहा कि प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में तीन माह तक हर बच्चें को 30 आर0यू0टी0एफ0 के पैकेट घर में उपलब्ध कराये जाये, इससे तीन माह के भीतर कुपोषण से ग्रसित बच्चा पूर्ण स्वस्थ्य हो जायेगा।

उन्होंने बताया कि इस आहार को स्थानीय मोटा अनाज जैसेः-मंडवा/रागी, चोलाई, बाजरा, सोयाबीन से बनाया जाता हैं इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है, कुपोषण को दूर करने के लिये इन अनाजों की आवश्यकता मांग बढ़ने से पहाड़ी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पडे़गा। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि आर0यू0टी0एफ0(READY-TO-USE THERAPEUTIC FOOD) को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों के लिये स्पेशल मिशन के तौर पर शीघ्र लागू किया जाये।

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी को इस विषय में उत्तराखण्ड सरकार के अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिये जाने का आश्वासन दिया।

इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी ने मुख्यमंत्री से कहा कि “उत्तराखण्ड गोवंश अधिनियम, 2007” में कुछ कानूनी प्रावधान सम्मिलित होने सेे वंचित रहे गये है। इसके लिये कानूनी प्रावधान में आवश्यक संशोधन करते हुये उत्तराखण्ड के गोवंश संरक्षण अधिनियम को देश को सर्वाधिक गोवंश संरक्षण अधिनियम बनाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय पर विधि विशेषज्ञों से पूर्ण परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी गौशालाओं में उपलब्ध गोबर से गमले बनाया जा रहे है। इन गमलों का उपयोग छोटे पौधों को सीधे जमीन में रोपने से पौधा खराब नहीं होता है क्योंकि वन विभाग द्वारा छोटे पौधों को काले प्लास्टिक की थैलियों सहित रोप दिया जाता है। गोबर से बने गमलों का इस्तेमाल करने में आसान होगा।

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